नई दिल्ली. केरल के सबरीमाला मंदिर में 50 वर्ष से कम उम्र की दो महिलाओं के प्रवेश को लेकर विरोध प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है. शनिवार तड़के कुछ अज्ञात लोगों ने भाजपा सांसद के पैतृक मकान पर बम फेंक दिया. साथ ही कन्नूर स्थित संघ के कार्यालय को आग लगा दी.
बिंदु अमीनी और कनका दुर्गा वो दो महिलाएं जिन्होंने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश कर इतिहास रच दिया है. करीब 40 की उम्र की ये महिलाएं मंदिर पर हो रहे प्रदर्शनों के बावजूद दर्शन करने में सफल रही हैं. एनडीवी को दिए इंटरव्यू में इन महिलाओं ने कहा है कि इस कदम से उनके जीवन को खतरा हो सकता था, लेकिन यह उनका संवैधानिक अधिकार है.
कनका दुर्गा ने कहा, “मुझे पता था कि मेरा जीवन खतरे में हो सकता है लेकिन मैं फिर भी मंदिर में जाना चाहती थी. हमें खुद पर गर्व है कि जो महिलाएं अब मंदिर जाना चाहती हैं उनके लिए हमने रास्ता आसान किया है” बिंदु ने कहा, हम मंदिर में गए क्योंकि वह हमारा संवैधानिक अधिकार था. यह भक्ति के बारे में है लेकिन यह लैंगिक समानता के बारे में भी है. उन्होंने कहा कि उनका परिवार भी उनके मंदिर जाने के विरोध में था.
अब तक 10 महिलाओं ने किए दर्शन
केरल पुलिस की विशेष ब्रांच ने कहा है कि अभी तक मंदिर में करीब 10 महिलाएं दर्शन कर चुकी हैं. जिसमें से तीन महिलाएं मूल रूप से तमिलनाडु की हैं लेकिन मलेशिया से हैं. पुलिस ने ये दावा वीडियो फुटेज की जांच के आधार पर किया है और कहा है कि उन्होंने महिलाओं की जानकारी ले ली है. जरूरत पड़ने पर उन्हें कोर्ट के सामने पेश भी किया जा सकता है। वहीं पुलिस का ये भी कहना है कि कनका और बिंदु के मंदिर में प्रवेश से एक दिन पहले तीन मलेशियन महिलाओं ने मंदिर में दर्शन किए थे. इन महिलाओं ने कहा है कि ये 50 साल से कम की पहली ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने मंदिर में प्रवेश किया है.