नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी अलग ही तेवर में नजर आ रही हैं. उनके द्वारा दिये गए बयान जहां सुर्खियां बन रहे हैं वहीं पार्टी के लिए भी मुसीबत का सबब बन रहे हैं. मौजूदा पार्टी लाइन के इतर चलते हुए गडकरी ने इस बार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तारीफ की है. उन्होंने कहा हमारे देश को इंदिरा गांधी जैसे सक्षम नेता मिली, जो कई पुरुष नेता से आगे थी. उन्हें कभी आरक्षण की जरूरत नहीं पड़ी.
गडकरी ने यह बयान महिला सशक्तिकरण पर अपने भाषण के दौरान दिया. उन्होंने महिलाओं के आरक्षण का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि औरतों को आरक्षण मिलना चाहिए और वे इसका विरोध नहीं करेंगे लेकिन जाति, धर्म, भाषा या लिंग के आधार पर कोई शख्स ऊंचाई हासिल नहीं कर सकता. यह केवल ज्ञान के आधार पर ही हासिल किया जा सकता है.
इसके पहले गडकरी ने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की तारीफ की थी. नेहरु की तारीफ करते हुए इशारों ही इशारों में उन्होंने अपने पार्टी नेतृत्व के ऊपर ही हमला बोला था. एक कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने जवाहर लाल नेहरू के भाषणों की तारीफ की और खुद को उनके भाषणों का मुरीद बताया. उन्होंने कहा था, ”सिस्टम को सुधारने को दूसरे की तरफ उंगली क्यों करते हो, अपनी तरफ क्यों नहीं करते हो. जवाहर लाल नेहरू कहते थे कि इंडिया इज़ नॉट ए नेशन, इट इज़ ए पॉपुलेशन. इस देश का हर व्यक्ति देश के लिए प्रश्न है, समस्या है. उनके भाषण मुझे बहुत पसंद हैं. तो मैं इतना तो कर सकता हूं कि मैं देश के सामने समस्या नहीं बनूंगा”.
वहीं पुणे जिला सहकारी बैंक एसोशिएशन के कार्यक्रम में भी उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर जमकर निशाना साधा था. गडकरी ने कहा था कि अगर मैं पार्टी का अध्यक्ष हूं और मेरे विधायक और सांसद अच्छा नहीं करते तो उसके लिए जिम्मेदार कौन है. गडकरी के इस बयान को सीधे तौर पर पार्टी नेतृत्व पर हमला माना जा रहा है. गडकरी ने इससे पहले भी बयान देकर पार्टी नेतृत्व को कटघरे में खड़े कर दिया था. उन्होंने कहा था कि नेतृत्व को हार और विफलता की भी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए, उन्होंने यह भी कहा था कि कोई भी सफलता की तरह विफलता की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता है. गडकरी ने कहा था, ‘सफलता के कई पिता हैं, लेकिन विफलता अनाथ है. जब भी सफलता मिलती है को उसका श्रेय लूटने की होड़ मच जाती है, लेकिन जब विफलता होती है तो हर कोई एक दूसरे पर उंगली उठाना शुरू कर देता है.
गौरतलब है कि पीएम नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह लगातार नेहरु-गांधी परिवार को अपने निशाने पर लेते रहे हैं. वे लगातार नेहरु-गांधी परिवार की आलोचना करते रहे हैं.