पुरुषोत्तम पात्र,गरियाबन्द. जिले में जितनी धान की मात्रा टोकन में दर्ज है लेकिन जांच में उससे कम मिल रही है. राजस्व व खाद्य की उड़नदस्ता ने पिछले 5 दिनों में 150 टोकन की जांच किया तो उसमें 40 किसानों के पास टोकन में दर्ज मात्रा से 1300 क्विंटल धान कम मिले है.
पिछले पखवाड़े भर में ओडिशा से धान ला रहे 20 से भी ज्यादा वाहनों की धरपकड़ की गई. जिसे खरीदी केंद्र में खपाने की तैयारी थी. अवैध परिवहन के बाद कलेक्टर श्याम धावडे ने उन ऋण पुस्तिका की भी पड़ताल करवाई जिसमें खपाने की सम्भावनाएं थी. कलेक्टर ने सभी केंद्रों को अंतिम तिथि तक का टोकन जारी करने के निर्देश दिए है. जिससे पुख्ता हो गया की कौन किसान कितनी मात्रा में धान कब बेचने को ला रहा है. टोकन कटने के बाद खाद्य व राजस्व विभाग के 30 से भी ज्यादा अधिकारी कर्मचारी की टीम बनाकर 75 क्विंटल से ज्यादा मात्रा के काटे गए टोकन का भौतिक सत्यापन करवाया.
एसडीएम निर्भय साहू ने बताया कि पिछले 5 दिनों में झाखरपारा, लटापारा व कांडेकेला केंद्रों से जारी 150 टोकन की जांच करने सम्बधित किसान तक दल पहुंचा है. इनमें 40 किसानों के पास टोकन में उल्लेख धान की मात्रा उनके बाताए जगह पर नहीं मिले. जारी टोकन में 1300 क्विंटल धान की मात्रा कमी आई. सम्बंधित केंद्रों में इन टोकनों से मात्रा की कटौती करने के निर्देश जारी कर दिया गया है. एसडीएम ने बताया कि कमी आई मात्रा कि पूर्ति बाहर से धान लाकर करते, लेकिन उससे पहले ही कटौती कर दी गई है.
फसल लगने के दरम्यान ही धान खरीदी योजना के लिये पंजीयन कराना होता है. ऋणपुस्तिका में उल्लेख रकबे में धान की बोनी हुई है इसका सत्यापन पटवारी को करना होता है. राजस्व निरीक्षक के सत्यापन के बाद ही रकबे का पंजीयन होता है. आज जब संयुक्त टीम पुरनापानी में किसान मोहन के घर पहुंची तो उसके पास 50 क्विंटल धान कम मात्रा में मिला. मोहन के घर से लगा करीबन डेढ़ एकड़ रकबे को देख दल ने पूछा तो बताया कि इस रकबे का भी पंजीयन हुआ है, जबकि घर से लगे उक्त रकबे में किसान बारहों माह सब्जी की खेती करता है. ऐसे ही कई रकबे है जंहा धान की बोनी नही हुई और उसका पंजीयन कर दिया गया है.
यही वजह है कि उक्त बोगस रकबे में धान बेचने किसान पड़ोसी राज्य से आने वाले धान पर निर्भर है. एसडीएम निर्भय साहू ने कहा है कि इस दिशा में भी जांच कराई जाएगी, दोषियों पर कार्यवाही होगी.