पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. जिले के धमतरी में रेत खदानों से अवैध परिवहन करते हुए 7 हाईवा को माइनिंग विभाग ने जब्त किया है. माइनिंग विभाग ने प्रशासन की संयुक्त टीम के साथ मिलकर रेत का अवैध परिवहन कर रहे 7 हाईवा को जब्त किया. इनमें से 6 हाईवा धमतरी जिले के मोहेरेंगा और परेवाडीह घाट से आ रहे थे, जबकि 1 हाईवा गरियाबंद के तर्रा घाट से पकड़ा गया. हालांकि, गरियाबंद के खदानों में चल रहे अवैध खुदाई के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है, क्योंकि राजधानी के रेत माफिया का एक प्रभावशाली सिंडिकेट यहां सक्रिय है.
सूत्रों की मानें तो कार्रवाई से बचाने प्रभावशाली माफिया के गरियाबंद के तर्रा घाट से आरहे वाहन को हाइवे में आने नहीं दिया गया था, उन्हें सिग्नल मिलते ही आने कहा गया था. जब कलेक्टर दीपक अग्रवाल को इस मामले की जानकारी मिली, तो उन्होंने संयुक्त टीम को उस स्थान पर भेजा.
इस कार्रवाई के दौरान राजिम के चौबे बाधा मोड में रेत से भरे 9 हाईवा घंटों तक रुके रहे. इनमें से अधिकांश के पास पिट पास नहीं था और बाकी ओवरलोड थे. लेकिन हैरानी की बात यह है कि चालकों को पिट पास लाने के लिए वापस खदान भेजा गया और अंततः सभी 9 हाईवा को छोड़ दिया गया.
गौरतलब है कि गरियाबंद के खदानों में वीआईपी माफियाओं की एंट्री के बाद अवैध कारोबार का ग्राफ तेजी से बढ़ गया है. रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक अवैध खनन और परिवहन जारी रहता है, जिससे रायपुर, दुर्ग और कवर्धा रूट होते हुए एमपी तक सप्लाई की जा रही है.
अवैध खनन के प्रमुख घाट:
1. तर्रा घाट:
यह घाट पैरी नदी पर स्थित है और इसके संचालन में स्थानीय राजनीतिक हस्तक्षेप है. यहाँ हर रात 20 हाईवा 60 ट्रिप से ज्यादा रेत की सप्लाई होती है.
2. बिडोरा घाट:
सुखा नदी में स्थित यह घाट खनिज विभाग के रिकॉर्ड में अनुबंधित नहीं है. यहाँ से राजधानी में रेत की सप्लाई की जा रही है, जबकि स्थानीय राजनीतिक दबाव के कारण कार्रवाई में बाधा आती है.
3. बोरिद घाट:
इसे बिडोरा 2 के नाम से जाना जाता है और यह भी अवैध तरीके से संचालित हो रहा है. यहाँ 20 से ज्यादा हाईवा रात के अंधेरे में रेत परिवहन कर रहे हैं.
जिला खनिज अधिकारी फागूलाल नागेश ने कहा कि संयुक्त टीम के साथ मिलकर लगातार कार्रवाई की जा रही है और पिछले कुछ दिनों में कई वाहन जब्त किए गए हैं. उन्होंने अवैध कारोबार को रोकने के लिए अपने स्तर पर प्रयास जारी रखने का आश्वासन दिया.
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