रेहान अंसारी, मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के बहराइच में हुए हिंसा पर बयानबाजी का दौर जारी है। इस बीच समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद का बड़ा बयान सामने आया हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी बदले की भावना से किया जा रहा है तो यह गलत है। यह संविधान और सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना होगी।

बहराइच घटना के आरोपियों के घरों पर चस्पा किए गए नोटिस पर सपा के पूर्व सांसद डॉ एसटी हसन का बयान सामने आया हैं। उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में आया है कि वहां पर रास्ता चौड़ा करने की बात हो रही है, इसके लिए एक महीना पहले ही वहां पर मार्किंग की गई थी, जो जगह ली जाएगी उसका मुआवजा भी दे रहे होंगे।

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उन्होंने आगे कहा कि अगर ये काम विकास के लिए किया जा रहा है तो हमें क्या एतराज है और अगर किसी बदले की भावना से किया जा रहा है तो ये गलत है। इस मामले में अगर सुप्रीम कोर्ट को भी डिग्रेट कर दिया जाए, अनदेखी कर दी जाए, सिर्फ बदले के लिए तो मैं समझता हूं ये संविधान और सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना होगी।

ये है पूरा मामला

दरअसल, बीते दिनों बहराइच में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो समुदायों में हिंसा भड़क उठी थी। जिला प्रशासन की ओर से जुलूस को शांतिपूर्ण कराने के प्रयासों के बावजूद, गोलीबारी और पथराव की घटनाओं ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया। गोलीबारी में विसर्जन जुलूस में शामिल एक युवक की मौत हो गई, जिसके बाद जिले में बवाल मच गया था।

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हिरासत में 30 से अधिक लोग

इस मामले में अब तक पुलिस ने 6 नामजद आरोपियों समेत 10 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इसके अलावा 30 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। मोहम्मद आवेश, तजमुल, मोहम्मद निसार, दिलशाद, रेहान, इरफान, हबीबुल्ला, अरमान, मोहम्मद नदीम, आदिल, जावेद, लारेब, असलम, रियाज अहमद, महफूज आलम, मकसूद आलम, शमी मोहम्मद, वाकर, इरशाद अहमद, इमरान, रियाज, जाहिद, मोहम्मद दानिश, मोहम्मद सलीम, अफगान, इमरान अंसारी को हिरासत में लिया गया है।

HC ने बहराइच में Bulldozer कार्रवाई पर लगाई रोक

बहराइच में हिंसा के बाद प्रशासन बुलडोजर एक्शन के मूड में था, लेकिन संभावित बुलडोजर एक्शन पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। इस कार्रवाई में 23 घरों को अवैध मानते हुए तोड़े जाने का नोटिस जारी किया गया था। जिसके बाद पीड़ित पक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कार्रवाई में रोक लगाने की मांग की थी।