Khalistani Attack on Hindu Temple in Canada: एक बार फिर खालिस्तानी चरमपंथियों ने कनाडा में हिंदू मंदिर पर हमला किया है। खालिस्तानी चरमपंथियों ने भक्तों को लाठे-डंडे से दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। मामला कनाडा के ब्रैम्पटन में स्थित हिंदू सभा मंदिर की है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा कि ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा की घटनाएं अस्वीकार्य है।
बता दें कि कनाडा हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ और हमले की यह कोई पहली घटना नहीं है। कनाडा में 2022 के बाद से लगभग 20 से अधिक हिंदू मंदिरों को इसी तरह से निशाना बनाया गया है। कनाडा की लॉ एंफोर्समेंट एजेंसियां अभी तक इन घटनाओं के पीछे के लोगों की पहचान नहीं कर सकी हैं।
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हिंदू फोरम कनाडा ने X पर यह वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘बहुत परेशान करने वाली तस्वीरें. खालिस्तानियों ने ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में श्रद्धालुओं पर हमला किया है। यह अस्वीकार्य है। एचएफसी ने अपने इस पोस्ट में ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन, स्थानीय पुलिस, ओंटारियो केप्रीमियर डग फोर्ड और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को टैग भी किया।
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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए पर एक पोस्ट में लिखा, ‘ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा की घटनाएं अस्वीकार्य हैं। प्रत्येक कनाडाई को अपने धर्म और आस्था का स्वतंत्र रूप से और सुरक्षित रूप से पालन करने का अधिकार है। घटनास्थल पर लोगों की सुरक्षा और इस वारदात की जांच के लिए त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए मैं पील रीजनल पुलिस का धन्यवाद करता हूं।
कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथियों ने हद पार कर दी है
भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर हुए हमले पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने X पर एक पोस्ट में लिखा, ‘कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथियों ने हद पार कर दी। ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के परिसर के अंदर हिंदू-कनाडाई भक्तों पर खालिस्तानियों द्वारा किया गया हमला दिखाता है कि कनाडा में खालिस्तानी हिंसक उग्रवाद कितना गहरा और निर्लज्ज हो गया है। मुझे लगने लगा है कि इन रिपोर्टों में थोड़ी सी सच्चाई है कि कनाडा के राजनीतिक तंत्र के अलावा, खालिस्तानियों ने हमारी लॉ एंफोर्समेंट एजेंसियों में भी प्रभावी ढंग से घुसपैठ कर ली है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर खालिस्तानी चरमपंथियों को कनाडा में खुली छूट मिल रही है। जैसा कि मैं लंबे समय से कहता रहा हूं, हमारे समुदाय की सुरक्षा के लिए हिंदू-कनाडाई लोगों को आगे आकर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़नी होगी और राजनेताओं को जवाबदेह बनाना होगा।
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