अजयारविंद नामदेव, शहडोल। आदिवासी बाहुल्य शहडोल जिले के एक गांव से चमत्कार की एक अद्भुत घटना सामने आई है। इस गांव के पुजारी बाबा को सपने में जमीन में धसी मूर्ति दिखी। जिसके बाद 10 दिन की खुदाई कर मुकुट पहने भगवान शंकर और विष्णु की मनमोहक प्रतिमा निकली। घटना के बाद से ही बाबा की हर तरफ चर्चा हो रही है।

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संभागीय मुख्यालय शहडोल से लगभग 35 किलोमीटर दूर बमुरा गांव में मशहूर काली मंदिर इन दिनों चर्चाओं में है। क्योंकि यहां के पुजारी छोटेलाल बाबा को 10 दिन पहले स्वप्न में कुछ मूर्तिया दिखाई दी। पुजारी बाबा छोटेलाल ने बताया कि जिस स्थल पर उन्हें स्वप्न में मूर्तिया दिखाई पड़ी थी, वहां 10 दिन तक लगातार खुदाई की गई। जिसमें बाबा को एक मूर्ति नजर आई, जब बाबा ने उसे निकाला तो ग्रामीणों ने देखा की ये भगवान विष्णु की मूर्ति है। इसके बाद लोग जयकारे के साथ पूजा अर्चना करने लगे।

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वहीं पुरातत्वविद रामनाथ परमार का कहना है ये कल्चुरीकालीन मूर्ति लग रही है। प्रतिमा संयुक्त पैनल है। कायदे से इसमें सदाशिव तो सम्मुख दिख रहे हैं, लेकिन उसके साथ विष्णु प्रतिमा का भी अंश अवशेषित हैं। भगवान शिव के साथ कार्तिकेय, गणेश नंदी की भी प्रतिमा साफ तौर पर दिखाई पड़ रही है। ये श्री हरि विष्णु और सदाशिव दोनों का संयुक्त प्रतिमा लग रही है। जिसका विष्णु वाला भाग खंडित हो चुका है। कुछ अंश उनके अवतारों के शेष हैं। लेकिन जो साबुत पूरी प्रतिमा है ये सदा शिव की है, जो विष्णु के साथ पैनल में बने होने के कारण इन्हें परम वैष्णव स्वरूप में सदा शिव की प्रतिमा कह सकते हैं।

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