रमेश सिन्हा, पिथौरा, महासमुंद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को किस तरह से बर्बाद करने पर अधिकारी अमादा हैं इसकी बानगी महासमुंद जिले के पिथौरा में देखने को मिल रही है. यहां लल्लूराम डॉट कॉम के संवाददाता रमेश सिन्हा ने करीब 30 गावों का दौरा किया लेकिन किसी गांव में सभी घरों में शौचालय नहीं बने. यहां केवल कागजों में ओडीएफ हो गया है.

विकासखंड में है कुल 123 ग्रामपंचायत एवं 248ग्राम -स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रत्येक घरों में शौचालय की अनिवार्यता का दबाव पड़ने के बाद विकासखंड पिथौरा अंतर्गत सभी ग्रामों को ओडीएफ होने का दावा प्रशासन कर रही है. कई गाँवो मे अधूरे शौचालय को बनाने में ग्रामीण जुटे हैं. पिथौरा विकास खंड में कुल 123 ग्राम पंचायत एवं 248 ग्राम स्थित है. जहां पर अमूमन हर गांव में लोग लोटा लेकर खुले में शौच जाते हैं.

तेंदुकोना में लिया था मुख्यमंत्री के हाथों सीईओ ने प्रशस्ति पत्र,खूब बटोरी वाहवाही

ज्ञात हो कि महासमुंद जिला अंतर्गत ग्राम तेंदूकोना में मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के प्रवास के दौरान सभी ग्राम पंचायतों की ओर से ओडीएफ होने संबंधित लिखित में जानकारी उपलब्ध कराई गई थी. जिसके बाद जनपद पंचायत पिथौरा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वारा मुख्यमंत्री के हाथो प्रशस्ति पत्र प्राप्त कर खूब वाहवाही बटोरी गई थी. जबकि आज स्थिति यह है कि कोई भी ऐसा ग्राम नहीं है जहां पर स्वच्छ भारत मिशन को पूर्ण करने हेतु शौचालय का उपयोग किया जाता हो.

ग्राम परसदा, डुमरपाली,  राजा सेवैया  सरकडा पाटन दादर  सुखीपाली,चिखली,बल्दीडीह,मेमरा,पिलवापाली,आदि ग्राम का दौरा हमारे संवाददाता ने किया और देखा कि अमूमन सभी ग्रामो सौचालय या तो अपूर्ण या प्रारम्भ नही हुए है। हमारे संवाददाता ने जब  वस्तुस्थिति का जायजा लिया तो ग्रामीणों ने बताया कि पहले तो उन्हें शौचालय के लिए प्रोत्साहित किया जाता था और कहा जाता था कि प्रति शौचालय के पीछे 9000रु उन्हें प्रोत्साहन राशि के रुप में प्राप्त होंगे. किसी तरह से उन्होंने स्वयं के खर्च पर टंकी या शौचालय बनवाया भी लेकिन बाद में उन्हें प्रोत्साहन राशि के रूप में कुछ नहीं मिला. लिहाजा भविष्य में कोई दुर्घटना ना हो इस आशंका के चलते उन्होंने शौचालय हेतु बनाए गए गड्ढों को पाट दिया.

प्रशासन जुटा है ओडीएफ सप्ताह मनाने में

खुले में शौच से आजादी सप्ताह एवं ओडीएफ उत्सव मनाने हेतु प्रशासन जुटा है. जनपद पंचायत पिथौरा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के कार्यालय से जारी पत्र के अनुसार समूचे विकासखंड में खुले में शौच से आजादी तथा ओडीएफ सप्ताह मनाने हेतु 9 से 15 अगस्त तक की तिथि निर्धारित किया गया है. प्रत्येक सरपंच एवं सचिव को यह फरमान जारी किया गया है कि कोई भी व्यक्ति खुले में शौच ना करें इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए अगर कोई व्यक्ति खुले में शौच ना करे. अब सवाल यह उठता है कि आज हर गांव में यह स्थिति है कि आधे से ज्यादा शौचालय अधूरे पड़े हैं ऐसे में यह सप्ताह कैसे पूर्ण होगा? इस पर प्रश्न चिन्ह उत्पन्न हो गया है. भारत स्वच्छ मिशन अभियान के तहत इस जिला के प्रत्येक ग्राम ओडीएफ घोषित करने हेतु योजना चल रही है?

कार्रवाई के लिए जिम्मेदारी तय होनी चाहिए

पिथौरा विकासखण्ड को ओडीएफ घोषित करने में जहाँ सरपंच व सचिव ने फर्जी आंकड़े दिये हैं. वही प्रशासन की भूमिका भी कम नही है. जिले के आला अधिकारी सहित इस अभियान में जूड़े हुए मैदानी कर्मचारी भी फर्जी ओडीएफ घोषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए है. फर्जी आंकड़ो के आधार पर ओडीएफ घोषित कर वाहवाही बटोरने के लिए जिम्मेदारी तय कर कार्यवाही सुनिश्चित किया जाना चाहिए.