शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में 2 दिसंबर से धान खरीदी (Paddy Purchase) की शुरुआत हो चुकी है, जो 20 जनवरी तक चलेगी। लेकिन इसे लेकर मध्यप्रदेश में दिक्कतें आ सकती है। क्योंकि, सरकार से पिछले कुछ सालों की बकाया राशि न मिलने पर राइस मिलर्स एसोसिएशन ने आंदोलन शुरू कर दिया है और नाराज होकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
धान खरीदी के दौरान बारदाना की आ सकती है दिक्कत
मध्यप्रदेश चावल उद्योग महासंघ के मुताबिक राइस मिलर्स संगठन के हड़ताल पर जाने के कारण धान खरीदी के दौरान बारदाना की दिक्कत आ सकती है। क्योंकि धान खरीदी के लिए 50 फीसदी बारदाना सरकार को राइस मिलर्स उपलब्ध करवाता है। लेकिन इस बार वे नहीं देंगे। इसके अलावा बात की जाए तो राइस मिलर प्रोसेसिंग के लिए धान भी अपनी मिल में नहीं रखेंगे।
किसानों को तुरंत हो जाता था भुगतान
अभी तक होता यह था कि धान खरीदी के बाद काफी बड़ी संख्या में राइस मिलर प्रोसेसिंग के लिए सरकार तक पहुंचा देती थी। जिससे सरकार को फायदा होता था। उन्हें वेयरहाउस में कम धान रखना पड़ता था और इसके साथ ही राइस मिल से पैसा मिलने पर किसानों को तुरंत भुगतान कर दिया जाता था।
राइस मिलर्स का 1 हजार करोड़ रुपए बकाया
राइस मिलर्स को करीब 1000 करोड रुपए बकाया लेना है। उनका कहना है कि सरकार से बकाया राशि नहीं मिलने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो गई है। इसलिए मजबूरन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। बता दें कि इस बार सरकार का लक्ष्य 45 लाख मीट्रिक टन धान, 3 लाख मीट्रिक टन बाजरा और 50 हजार मीट्रिक टन ज्वार की खरीद करना है। लेकिन बारदाना की कमी की वजह से सरकार अपने लक्ष्य से चूक न जाए।
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