लखनऊ. भारतीय रिजर्व बैंक ने लोगों को जागरुक करने के लिए एक विज्ञापन जारी किया है, जिसको लेकर अब बवाल हो रहा है. आऱबीआई के विज्ञापन में एक गधे की फोटो है और गधे के पीठ पर नोटों का बंडल है. विज्ञापन में एक संदेश भी लिखा है- मत बनिए म्यूल (गधा). अब इस विज्ञापन पर सपा सुप्रीमो भड़क उठे हैं. उन्होंने विज्ञापन को फूहड़ बताते हुए गंभीर सवाल खड़े किए हैं.

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अखिलेश यादव ने (X) पर पोस्ट करते हुए कहा, जनता का ‘भारतीय रिज़र्व बैंक’ से ये सवाल है कि वो अपने ऐसे विज्ञापनों में किसको चित्रित कर रहे हैं और क्यों और वो कहाँ से आया है? क्या ये कोई प्रतीकात्मक चित्रण है? यदि हां तो वो जानवर किसका प्रतीक है? क्या उस ‘सिस्टम’ का जिसके कंधे पर स्वच्छ और सुरक्षित बैंकिंग की नैतिक ज़िम्मेदारी है या उस ‘मंत्रालय’ का जिसको सुरक्षित बैंकिंग का दायित्व निभाना चाहिए. अगर ये चित्रण जनता को दिखाना चाह रहे हैं तो ये फूहड़ भी है और अनैतिक भी. जनता इसके लिए मानहानि का दावा भी कर सकती है.

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आगे अखिलेश यादव ने कहा, अगर आरबीआई यही दिखाना चाह रहा है तो अपने खाताधारकों के प्रति बैंक का ऐसा नकारात्मक रवैया न केवल आपत्तिजनक है बल्कि घोर निंदनीय भी है. ‘बैंकिंग एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया’ भी इस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करे और ‘एडवरटाइज़िंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ़ इंडिया’ भी साबित करे कि वो एक सक्रिय संस्थान है, कोई मूक दर्शक नहीं.

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आगे अखिलेश यादव ने ये भी कहा, आरबीआई ऐसे विज्ञापनों से नहीं बल्कि अपने सिस्टम को चुस्त-दुरुस्त करके व जनता में बैंकिंग साक्षरता और बैंकिंग सजगता के जागरूकता अभियान चलाकर जनता को सचेत और सावधान करें. वित्त मंत्रालय और आरबीआई तुरंत इस मामले का संज्ञान ले क्योंकि ये ‘संविधान प्रदत्त व्यक्ति की गरिमा और प्रतिष्ठा’ का एक अति गंभीर मुद्दा है, मज़ाक़ में उड़ा देने वाला कोई हास्यास्पद विषय नहीं.