रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने आज राज्यपाल को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए क्रय किये गये बारदाने को अमानक बताया है. इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने राज्यपाल को त्वरित रूप से भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार कार्यवाही किए जाने के लिए खाद्य मंत्री और सहकारिता मंत्री को निर्देशित करने का आग्रह किया है.

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने धान उपार्जन के लिये श्री गौरी शंकर जुट मिल पश्चिम बंगाल से क्रय किए गए बरदाने को अमानक बताते हुए कहा कि, धान खरीदी का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। मैंने जिला बलौदाबाजार-भाटापारा के धान खरीदी केंद्र तरेंगा का निरीक्षण किया था। इस धान खरीदी केंद्र पर जो जूट का नया बारदाना उपयोग में लाया जा रहा था, उनमे से कई का वजन करवाने पर पाया गया कि सभी बारदाने का अधिकतम वजन 480 ग्राम था. भारत सरकार के निर्धारित मापदण्डों के अनुसार नए जुट बरदानों का औसत न्यूनतम वजन 580 ग्राम होना चाहिए. इस वजन में विचलन 8 और 6 प्रतिशत मान्य है, यानी 626 ग्राम से अधिक वजन वाले और 545 ग्राम से कम वजन वाले बारदाने अमानक माने जाएगें। साथ ही अमानक बारदानों का उपयोग धान और चावल के लिए नहीं किया जा सकता।

कम वजनी बारदानों के कारण किसानों से लिया जा रहा अधिक धान

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि धान खरीदी केंद्र तरेंगा में जिन बारदानों का वजन कम पाया गया है, वे सभी श्री गौरी शंकर जुट मिल पश्चिम बंगाल द्वारा निर्मित किये गये थे. इस मिल के क्रय किए गए बारदाने और कई धान खरीदी केंद्रों पर भी भेजे गए होंगे.

गुणवत्ता की जांच के तीन स्तर :-

(1) जुट मिल स्तर पर

(2) जुट कमिश्नर जांच

(3) भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में रैक पॉइंट पर विपणन संघ और धान खरीदी केंद्र पर केंद्र प्रभारी द्वारा

इन स्तरों पर जांच के बाद भी यह आश्चर्यजनक है की सभी स्तरों पर बारदानों के अमानक होने के तथ्य की उपेक्षा की जाती रही। यह एक गंभीर मामला है। बारदानों के कम वजन के कारण किसानो का धान भी अधिक लिया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष महंत ने राज्यपाल को खाद्य मंत्री और सहकारिता मंत्री को निर्देशित कर भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार कार्यवाही किये जानें का आग्रह किया है.