Pay ₹20 And Get Indian Citizenship: बांग्लादेशी घुसपैठियों (Bangladeshi intruders) और रोहिंग्या मुस्लिमों (Rohingya Muslims) को भारतीय नागरिकता दिलाने के सिंडिकेट का दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने बड़ा खुलासा किया है। इस मामले में 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें पांच बांग्लादेशी नागरिक (Bangladeshi People) और छह वो लोग हैं, जो फर्जी दस्तावेज बनाने का काम करते थे। ये लोग 20 रुपये लेकर फर्जी आधार कार्ड (Aadhar card) और वोटर आईडी (voter ID) बनाने का काम करते थे। ऐेसे में ये लोग बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को मात्र 20 रुपये में भारतीय नागरिकता दिलाने का काम करते थे।

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साउथ दिल्ली के संगम विहार में हुए मर्डर केस की जांच के दौरान यह बड़ा और सनसनीखेज मामले का खुलासा हुआ है। मामले में पुलिस ने मृदुल मियां, उसकी पत्नी सिंथिया शेख, फरदीन अहमद उर्फ अभी अहमद व उसकी पत्नी रीपा, अफरोज, साहिल सहगल, दीपक मिश्रा, सोनू कुमार, सद्दाम हुसैन, मोहम्मद चांद, रणजीत व बरेली से एक बांग्लादेशी महिला मुन्नी शेख को गिरफ्तार किया गया है। मुन्नी शेख को मंगलवार को गिरफ्तार किया है।

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साउथ डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी अंकित चौहान ने बताया कि सेटों शेख नाम के एक शख्स की हत्या रंजिश और पैसे के लेन-देन के चलते की गई थी। इस मर्डर केस में शामिल चार बांग्लादेशी नागरिकों को भी गिरफ्तार किया गया है। दरअसल, मरने वाला सेटों शेख बांग्लादेशी नागरिकों के फर्जी आधार कार्ड बनवाता था।

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जांच के दौरान पता चला कि यह सिंडिकेट बांग्लादेशी नागरिकों को जंगल के रास्ते भारत में घुसपैठ कराता था। भारत पहुंचने के बाद इन्हें सिम कार्ड और नकद पैसे उपलब्ध कराए जाते थे। दस्तावेज़ तैयार करने के लिए एक फर्जी वेबसाइट ‘जनता प्रिंट्स’ का इस्तेमाल किया जाता था। इस वेबसाइट को साल 2022 से रजत मिश्र नाम का शख्स चला रहा था। वही, मात्र 20 रुपये में आधार कार्ड, वोटर आईडी और पैन कार्ड जैसे दस्तावेज़ प्रिंट करके देता था। पुलिस ने सिंडिकेट की सरगना मुन्नी देवी को भी गिरफ्तार किया है। जांच में 4 नकली वोटर कार्ड, 21 आधार कार्ड और 6 पैन कार्ड बरामद किए गए हैं।

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20 रुपये में प्रिंट होते थे कागजात
अंकित चौहान ने बताया कि जनता प्रिंट्स नाम की एक वेबसाइट से 20 रुपये में ये फर्जी कागजात प्रिंट करते थे। रजत मिश्र नाम का एक आरोपी ये वेबसाइट 2022 से चला रहा है। इसमें बांग्लादेश की भूमिका सामने आ रही है। एक टीम वहां गई है। गिरफ्तार आरोपियों में पांच बांग्लदेशी व सात फर्जी कागजात बनाने वाले हैं।

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बांग्लादेशी घुसपैठियों का नेटवर्क
पुलिस की जांच में यह भी पाया गया कि बांग्लादेशी नागरिकों का यह नेटवर्क न केवल फर्जी दस्तावेज बनवाने में बल्कि अन्य अपराधों में भी शामिल है। दिल्ली एनसीआर में बांग्लादेशी अपराधियों की एक अलग सूची बनाई जा रही है। पुलिस ने इनके सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भी विशेष निगरानी रखने का निर्देश दिया है।

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एलजी के आदेश पर कार्रवाई

बता दें कि पुलिस का ये एक्शन दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश के बाद हो रहा है। दिल्ली पुलिस राजधानी में बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की पहचान के लिए विशेष ऑपरेशन चला रही है। घुसपैठ का मामला एक बांग्लादेशी की हत्या के बाद सामने आया था।दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को दो महीने के भीतर घुसपैठियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है। यह कार्रवाई मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधिमंडल द्वारा बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकालने की मांग के बाद शुरू हुई।

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अन्य राज्यों की पुलिस का सहयोग
बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ इस अभियान में पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए हैं। मकसद यह है कि बांग्लादेशी नागरिकों के नेटवर्क और आपराधिक क्रियाकलापों को जड़ से खत्म किया जा सके।

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ऐसे भारत लाया जाता था
बांग्लादेश से अवैध अप्रवास के मार्ग का पता लगाया गया। ये लोग जंगल के रास्तों से भारत में घुसे और बाइक से नजदीकी शहर में ले जाए गए। इसके बाद वे एक्सप्रेस ट्रेनों (आमतौर पर एसी क्लास) से दिल्ली पहुंचे। उन्हें फर्जी आधार कार्ड, अस्थायी सिम कार्ड और यात्रा खर्च के लिए नकद राशि दी गई।

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