कुंदन कुमार, पटना. Prashant Kishore News: जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने आज गुरुवार (16 जनवरी) को 15 दिन अपना अनशन तोड़ दिया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि, छात्रों के प्रति सरकार संवेदनहीन रही है। बीपीएससी के छात्रों ने सरकार को काफी समय दिया। समस्या के प्रति राज्यपाल से लेकर मुख्य सचिव ने छात्रों की समस्या को सुना। मगर किसी ने कुछ किया नहीं। अब न्यायालय पर भरोसा है उन्हें न्याय मिलेगा।
आमरण अनशन खत्म सत्याग्रह शुरू
प्रशांत किशोर ने कहा कि, बिहार में सिर्फ छात्रों की समस्या की बात नही होगी। पूरे बिहार की समस्या को सुधारने के लिए मैं सत्याग्रह करूंगा। आज से मैं यहां से सत्याग्रह शुरू करने जा रहा हूं। इस स्थल का “बिहार सत्याग्रह आश्रम” नाम दिया गया है।
जहाँ बिहार में दबे पिछड़े लोगों को न्याय दिलाने के लिए आश्रम बनाया गया है। सरकारी रेंट देकर मैंने इस जगह पर बिहार सत्याग्रह आश्रम बनाया है। कोई भी पीड़ित आदमी यहां पर अपनी उठाने के लिए संघर्ष कर सकता है।
उन्होंने कहा कि, बिहार सत्याग्रह स्थल पर 8 सप्ताह में 100000 युवाओं को जोड़कर प्रशिक्षित करेंगे। बिहार के लोगों को जागरूक करने के लिए उन युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। सरकार को हमसे डरने की जरूरत नहीं है। हम यहां पर रैली और धरना पसंद नहीं करेंगे। सत्य का राज्य हो लोकतंत्र पैदा हो लाठी तंत्र समाप्त हो इसलिए सत्याग्रह की शुरुआत की जा रही है। आने वाले समय में 5000 लोग यहां पर रहने की व्यवस्था की जाएगी। छात्र यहां पर आकर पढ़ेंगे जो गंगा किनारे पढ़ते हैं।
20 तारीख से प्रशिक्षण कार्य शुरू होगा। मैं खुद यहां पर भी रहकर लोगों को प्रशिक्षित करूंगा। होली तक प्रशिक्षण कार्यक्रम चला कर देखा जायेगा।
सीएम की मानसिक स्थिति पर खड़ा किया सवाल
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि, न्यायालय पर हमें भरोसा है। हाई कोर्ट के बाद सर्वोच्च न्यायालय में जाऊंगा फैसला छात्रों के हित में नहीं आया तो? पटना पुलिस और प्रशासन के खिलाफ प्रशांत किशोर की खुली चेतावनी देते हुए कहा कि गांधी मैदान मे छात्रों पर लाठी चार्ज करने वाले कार्रवाई करने को लेकर ह्यूमन राइट्स से लेकर कोर्ट तक जाएगा। आंदोलन मे छात्रों की कमी को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा, गांधी मैदान में प्रदर्शन के दौरान प्रशासन ने हमारे कंबल और चटाई को ले लिया है।
उन्होंने कहा कि, BPSC के छात्र पढ़ने का कोचिंग जाने में व्यस्त है मैं भी छात्रों को आने के लिए नहीं कहूंगा। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति पर उन्होंने बड़ा सवाल खड़ा किया है और कहा कि, मुख्यमंत्री के मानसिक स्थिति की जाँच होनी चाहिए कि क्या वह सरकार को चलाने में समर्थ है या नहीं? सरकार नीतीश कुमार के मानसिक स्थिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करे। क्योंकि13 करोड़ बिहार के लोगो का नेतृत्व नीतीश कुमार कर रहे है।
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