नितिन नामदेव, रायपुर. छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के सीईओ ने सभी मुतवल्लियों को पत्र जारी कर वक्फ संपत्तियों की जानकारी मांगी है. पत्र में मस्जिद, मदरसा, दरगाह कब्रिस्तान, ईदगाह, खानकाह, इमामबाड़ा, ताजिया चौकी, मकान, दुकान, कृषि, भूमि, स्कूल, प्लॉट वक्फ अलल औलाद की जानकारी मांगी है. जमीन के दस्तावेजों के साथ 12 फरवरी तक जानकारी भेजने के निर्देश दिए गए हैं. बताया जा रहा कि वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा करने सेंट्रल पोर्टल में संपत्तियां अपलोड की जाएगी.
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड द्वारा मुतवल्लियों को पत्र लिखने पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा, निश्चित रूप से सभी मुतवल्लियों को वक्फ संपत्ति की जानकारी देनी चाहिए. वक़्फ़ बोर्ड का पत्र लिखने का मतलब धार्मिक और सामाजिक कामों के उपयोग के लिए जो जमीन है उसका ब्यौरा रखना है.
वक्फ बोर्ड ने पत्र में राजस्व अभिलेख जैसे वक्फनामा, वक्फ डीड, रजिस्ट्री की कॉपी, बी-1, पी-2 नक्शा खसरा पंचसाला, मेंटेनेंस खसरा, नजूल शीट की सत्यापित प्रति/ छायाप्रति प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. जानकारी के अनुसार पिछले दिनों संयुक्त संसदीय समिति वक्फ, लोकसभा सचिवालय और सचिव भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय नई दिल्ली की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. इसमें राज्यों के प्रमुख सचिव और सचिव व सीईओ वक्फ मौजूद रहे.
बैठक में सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि सभी राज्यों में वक्फ संपत्तियों का डिजिटाइजेशन आईआईटी दिल्ली द्वारा किया जाएगा. सेंट्रल पोर्टल में भारत सरकार अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के निर्देशानुसार संपत्तियों की जानकारी अपलोड की जाएगी, ताकि वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा की जा सके. सेंट्रल पोर्टल में वहीं संपत्तियां अपलोड हो पाएंगी, जो राजस्व अभिलेखों में वक्फ संपत्तियों के रूप में दर्ज होगी. समय सीमा 12 फरवरी तक वक्फ संपत्तियों के दस्तावेज उपलब्ध कराने की पूरी जिम्मेदारी वक्फ अधिनियम की धारा 50 के अंतर्गत मुतवल्ली और इंतेजामिया कमेटी की होगी.
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