Jharkhand Budget 2025 Live: आज झारखंड बजट पेश होगा। थोड़ी देर में वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर (Radha Krishna Kishore) झारखंड विधानसभा में कुछ ही देर बाद बजट पेश करेंगे। यह बजट हेमंत सोरेन सरकार के लगातार दूसरे कार्यकाल का पहला बजट है। वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर पहली बार बजट पेश करेंगे। झारखंड विधानसभा में बजट पेश करने से पहले हेमंत सरकार में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर राजभवन पहुंचे। उन्होंने झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार को बजट की कॉपी सौंपकर बजट पेश करने की इजाजत मांगी। इसके बाद झारखंड राज्यपाल ने बजट पेश करने की स्वीकृति दी।
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बजट करीब 1.44 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का होगा। यह पिछले साल से करीब 16 हजार करोड़ ज्यादा होगा। वित्तीय वर्ष 2024-25 का कुल बजट 1 लाख 28 हजार 900 करोड़ रुपए का था।इस बार के बजट में सरकार सर्वजन पेंशन योजना, विकलांग-विधवा पेंशन योजना में बड़ी राशि का प्रावधान कर सकती है। हालांकि सरकार आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए कोई बड़ी योजना नहीं लाएगी।
सरकार अपने इस बजट में उन विभागों और योजनाओं को फोकस कर सकती है, जिसे चुनाव के वक्त अपनी घोषणापत्र में रखा था। ऐसे में आज के बजट में फ्रीबीज वाली योजनाओं पर फोकस रहेगा। मंईयां सम्मान, सर्वजन पेंशन, धोती-साड़ी और 200 यूनिट तक फ्री बिजली देने की योजनाओं को हर हाल में पूरा करना सरकार की प्राथमिकता रहेगी।
विधायक फंड में बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं
विधायक फंड में भी बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है। विधायक चाहते थे कि सरकार विधायक फंड को निर्माण कार्य में महंगाई देखते हुए बढ़ोतरी करें। फिलहाल विधायकों को अपने क्षेत्र के विकास के लिए पांच करोड़ रुपये सालाना मिलता है। सरकार इस मद में किसी तरह का अतिरिक्त बोझ नहीं उठाना चाहती है।
ढाई गुना बढ़ सकता है समाज कल्याण का बजट
वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर इसे सदन के पटल पर रखेंगे। बजट में सरकार का फोकस कल्याणकारी योजनाओं और ग्रामीण क्षेत्रों पर रहेगा। बजट में वैट की दर में बदलाव की उम्मीद नहीं है। सरकार राजस्व में वृद्धि के लिए सेस में बढ़ोतरी कर सकती है। मंईयां सम्मान योजना के लिए सरकार को 17 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान करना है। ऐसे में समाज कल्याण विभाग का बजट आकार ढाई गुना बढ़ सकता है।
बजट पर सियासत गर्म
बजट को लेकर सियासी घमासान भी शुरू है। कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि ‘हमें लगता है कि यह पहला ऐसा बजट सत्र होगा जिसमें विधानसभा में कोई प्रतिपक्ष नहीं होगा। बिना प्रतिपक्ष आज बजट पेश होगा। लोकतंत्र लोक लाज से चलता है अगर बीजेपी को लोक लाज भी नहीं है, तो हमें लगता है सभी विधायकों को इस्तीफा दे ही देना चाहिए। उनके 21 विधायक है और उसमें से एक भी ऐसा विधायक उनको नहीं मिला जिस पर शीर्ष नेतृत्व भरोसा कर सके। अगर शीर्ष नेतृत्व सभी को नकारा समझ रहा है, तो इस्तीफा देना बनता है।
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