दिलशाद अहमद, जशपुर- लोकसभा सीटों के ऐलान के बाद भाजपा में बगावत का स्वर थमने का नाम नहीं ले रहा. सरगुजा सीट से पूर्व मंत्री रेणुका सिंह को प्रत्याशी बनाए जाने से कद्दावर आदिवासी नेता व सर्व आदिवासी समाज के उपाध्यक्ष मोहन सिंह ने नाराजगी जताते हुए पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है.

आपको बता दें कि मोहन सिंह भाजपा के पूर्व आदिवासी मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुके हैं. वर्तमान में प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य हैं. उनकी आदिवासियों के बीच अच्छी पकड़ मानी जाती है. जानकारी के मुताबिक प्रदेश बीजेपी ने तीन दावेदारों के नामों का पैनल भेजा था. उसमें मोहन सिंह का भी नाम शामिल था, लेकिन पार्टी ने रेणूका सिंह के उम्मीदवारी पर मुहर लगी. लिहाजा टिकट नहीं मिलने से नाराज आदिवासी नेता मोहन सिंह ने भाजपा जिला संगठन को अपना इस्तीफा सौंप दिया है.

दरअसल, बड़े नेताओं के बगावती तेवर से पार्टी को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है. आंकड़ों की माने तो सरगुजा संसदीय क्षेत्र में करीब पांच लाख आदिवासी वोटर हैं और समाज के मुखिया का पार्टी से किनारा करना बीजेपी को क्षति पहुंचा सकता है.

मोहन सिंह ने कहा कि वे सिर्फ पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं, लेकिन समाज हित के लिए वे काम करते रहेंगे. अब राजनीतिक पार्टी से किनारा करने के बाद और ऊर्जा के साथ समाज को मुख्य धारा से जोड़ने का काम करुंगा. वो चाहे कांग्रेस की सरकार हो या बीजेपी की.

गौरतलब है कि भाजपा ने छत्तीसगढ़ के 11 सीट में से 5 सीट पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया. प्रत्याशी घोषित होने के बाद पार्टी में बगावत शुरू हो गया है. इस पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने 5 सीटों की घोषणा के बाद उठे बगावती सुर पर कहा कि कहीं कोई बगावत नहीं है. सभी से बातचीत जारी है. कांग्रेस के घोषित प्रत्याशियों पर उन्होंने कहा कि हम भी दमदार प्रत्याशी उतारेंगे जो जीतकर सामने आएंगे.