रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में वेटलैंड संरक्षण और प्रबंधन को सुदृढ़ करने में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की महती भूमिका रही है. उनके नेतृत्व में राज्य सरकार ने वेटलैंड्स के संरक्षण, पुनर्स्थापन और सतत उपयोग के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.

वेटलैंड्स का महत्व

वेटलैंड्स, जिन्हें आर्द्रभूमि भी कहा जाता है, पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. वे जल शोधन, बाढ़ नियंत्रण, जैव विविधता संरक्षण और स्थानीय समुदायों के लिए आजीविका के स्रोत के रूप में काम करते हैं लेकिन शहरीकरण, कृषि विस्तार और औद्योगिकीकरण के कारण वेटलैंड्स पर दबाव बढ़ा है, जिससे उनका आज की परिस्थिति में उसका संरक्षण आवश्यक हो गया है जिसकी सुध राज्य के मुख्यमंत्री ने बहुत गम्भीरता के साथ ली है. छत्तीसगढ़ में कई प्राकृतिक और कृत्रिम जलाशय, तालाब और जल स्रोत वेटलैंड का रूप में विकसित हुए हैं, जो जैवविविधता के संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है. गिधवा-परसदा और कोपरा जलाशय जैसे वेटलैंड क्षेत्र, प्रवासी पक्षियों के लिए उपयुक्त स्थल हैं, जहां हर वर्ष हजारों पक्षी प्रवास के लिए आते हैं.

प्रशासन की पहल

मुख्यमंत्री बनने के बाद विष्णुदेव साय ने वेटलैंड संरक्षण को प्राथमिकता दी और इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए.राज्य में वेटलैंड्स के संरक्षण और प्रबंधन के लिए एक समर्पित प्राधिकरण की स्थापना की गई. यह प्राधिकरण वेटलैंड्स की पहचान, संरक्षण योजनाओं का निर्माण और उनके कार्यान्वयन की निगरानी करता है. वेटलैंड्स के सतत उपयोग और संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने एक व्यापक नीति बनाई है. इस नीति में वेटलैंड्स के संरक्षण, पुनर्स्थापन, और सामुदायिक सहभागिता को प्रोत्साहित किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री साय ने स्थानीय समुदायों को वेटलैंड संरक्षण में शामिल करने पर जोर दिया. सामुदायिक सहभागिता से न केवल वेटलैंड्स का संरक्षण संभव हो पा रहा है, बल्कि स्थानीय लोगों की आजीविका में भी सुधार हो रहा है. वेटलैंड्स के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए राज्यव्यापी अभियान चलाए गए. स्कूलों, कॉलेजों और समुदायों में कार्यशालाओं और सेमिनारों का आयोजन किया गया. वेटलैंड संरक्षण परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार ने भरपूर वित्तीय सहायता प्रदान की है जिसके कारण वेटलैंड्स के पुनर्स्थापन और संरक्षण के कार्यों में ज़बरदस्त तेजी आई है.

राज्य सरकार द्वारा वेटलैंड संरक्षण को लेकर किया जा रहा यह प्रयास महत्वपूर्ण हैं. प्राधिकरण की बैठक में लिए गए निर्णयों से न केवल वेटलैंड की पहचान और संरक्षण को बल मिलेगा, बल्कि राज्य में जैव विविधता, जल संसाधन प्रबंधन और सतत विकास में भी सहायक होगा.

राज्य के यशस्वी मुखिया विष्णुदेव साय के दिशा निर्देश पर यह बैठक वन मंत्री एवं अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य वेटलैंड प्राधिकरण की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ राज्य में वेटलैंड संरक्षण और प्रबंधन को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य वेटलैंड प्राधिकरण की बैठकों का आयोजन होता रहा है. होने वाली दूसरी बैठक में बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य जैवविविधता बोर्ड के अध्यक्ष, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख वी. श्रीनिवासन, जल संसाधन विभाग के सचिव राजेश सुकुमार टोप्पो, वन विभाग, आवास एवं पर्यावरण, प्रमुख अभियंता जल संसाधन इंद्रजीत उइके, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल, मत्स्य विभाग सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में वन मंत्री ने राज्य के सभी जिलों की जिला वेटलैंड संरक्षण समितियों को अपने-अपने क्षेत्रों में वेटलैंड के संरक्षण और संवर्धन के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश दिए. इसके साथ ही, अन्य राज्यों में वेटलैंड प्राधिकरण के सदस्य सचिवों के वित्तीय अधिकारों का अध्ययन कर संशोधित प्रस्ताव शासन को भेजने के भी निर्देश दिए. बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य वेटलैंड प्राधिकरण के लिए तैयार किए गए आधिकारिक लोगो का भी विमोचन किया गया.

छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने राज्य में रामसर स्थलों की पहचान को लेकर भी बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. कोपरा जलाशय (बिलासपुर) और गिधवा-परसदा वेटलैंड कॉम्प्लेक्स (बेमेतरा) को रामसर स्थलों के रूप में चिन्हित करने की स्वीकृति दी गई है. एनपीसीए योजना के तहत प्राकृतिक रूप से निर्मित तालाबों के चयन और नए प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया. प्रस्तावित तकनीकी समिति में आवास एवं पर्यावरण विभाग तथा मत्स्य विभाग को शामिल करने की अनुशंसा की गई है, जिससे वेटलैंड संरक्षण में विभिन्न विभागों का समन्वय बेहतर हो सके. शिकायत समिति में छत्तीसगढ़ राज्य वेटलैंड प्राधिकरण के सदस्य सचिव और शहरी विकास विभाग के निदेशक को भी शामिल करने की अनुशंसा की गई.

बैठक में वेटलैंड (संरक्षण एवं प्रबंधन) नियम 2017 तथा माननीय सर्वाेच्च न्यायालय के आदेशों का कानूनी विश्लेषण करवाने का निर्णय लिया गया. इसके लिए, एडवोकेट जनरल कार्यालय से विधिक परामर्श लेने तथा अन्य राज्यों में अपनाई जा रही नीतियों का अध्ययन करने का सुझाव दिया गया.

वेटलैंड संरक्षण की दिशा में प्रमुख उपलब्धियां

मुख्यमंत्री साय की पहल से छत्तीसगढ़ में वेटलैंड संरक्षण के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल हुई हैं. राज्य में वेटलैंड्स की पहचान और उनका मानचित्रण किया जा सका है. इससे उनकी निगरानी और संरक्षण में सहायता मिल रही है. वेटलैंड संरक्षण के कारण राज्य में जैव विविधता में वृद्धि हुई है. कई विलुप्तप्राय प्रजातियों की संख्या में भी सुधार देखा जा रहा है. वेटलैंड्स के संरक्षण से इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिला है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ हुआ है.वेटलैंड्स के संरक्षण से जल संसाधनों का संरक्षण संभव हुआ है, जिससे कृषि और पेयजल की आपूर्ति में भी सुधार हुआ है.

भविष्य में वेटलैंड संरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री साय की योजना है कि इसके लिए और अधिक संसाधन आवंटित किए जाएंगे, स्थानीय समुदायों की सहभागिता और बढ़ाई जाएगी और वैज्ञानिक अनुसंधान को और प्रोत्साहित किया जाएगा.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने वेटलैंड संरक्षण के क्षेत्र में अद्भुत प्रगति की है. साय सरकार की पहल से न केवल वेटलैंड्स का संरक्षण संभव हुआ है, बल्कि राज्य की जैव विविधता, जल संसाधन और स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी सुधार हुआ है.