Rajasthan News: राजस्थान के नाथद्वारा मंदिर मंडल के सीईओ और उदयपुर UIT (नगर विकास प्रन्यास) के पूर्व सचिव राजेश जोशी को 530 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में निलंबित कर दिया गया है। भजनलाल सरकार ने यह कार्रवाई उदयपुर विकास प्राधिकरण (पहले UIT) में हुए वित्तीय अनियमितता के चलते की है।

क्या है पूरा मामला?

ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 2022 से 2024 के बीच उदयपुर नगर विकास प्रन्यास (UIT) में नियमों के खिलाफ कई प्लान पास किए गए, जिससे राज्य सरकार को 530 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यह मामला उजागर होने के बाद उदयपुर के सांसद ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी।

सरकारी आदेश और निलंबन

राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग ने सोमवार को आरएएस अधिकारी राजेश जोशी के निलंबन का आदेश जारी किया। 2023 में राजेश जोशी उदयपुर UIT के सचिव थे, जहां पर यह अनियमितताएं सामने आईं। 7 अक्टूबर 2023 को उन्होंने UIT सचिव का पदभार संभाला था, लेकिन बाद में उनका तबादला बांसवाड़ा गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के पद पर कर दिया गया। 1 फरवरी 2025 को उन्हें नाथद्वारा मंदिर मंडल का सीईओ नियुक्त किया गया और 12 फरवरी 2025 को पदभार ग्रहण किया।

कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?

2022 से 2024 के बीच किए गए ऑडिट में वित्तीय अनियमितताएं उजागर हुईं। राजेश जोशी पर नियमों के खिलाफ योजनाओं को मंजूरी देने का आरोप है। इससे राज्य सरकार को 530 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। मामला उजागर होने के बाद सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए जोशी को निलंबित कर दिया।

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