
योगेश सिंह, बेमेतरा. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में चुनाव अधिकारी की घोर लापरवाही सामने आई है. चुनाव आयोग के नियमों को ताक में रखकर चुनाव अधिकारी ने अयोग्य महिला उम्मीदवार को सरपंच चुनाव लड़ने का मौका दे दिया. चुनाव जीतकर आने के बाद अयोग्य उम्मीदवार को सरपंच पद का प्रमाण पत्र भी दे दिया गया. वहीं उनके विरुद्ध चुनाव लड़े विनोद पटेल ने नामांकन के दौरान नवनिर्वाचित सरपंच की जाति को लेकर विरोध किया था और आवेदन भी दिया था, लेकिन उसकी मांग को अनसुना कर दिया गया. अब अधिकारी जांच के बाद कार्रवाई की बात कह रहे हैं.
पूरा मामला साजा जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम जानों का है. हाल ही में हुए ग्राम पंचायत चुनाव में इस गांव में सरपंच पद के लिए पिछड़ा वर्ग महिला आरक्षित हुआ था, जहां तीन महिलाएं चुनाव लड़ी थी. इसमें से एक महिला लता हेमंत कौशल पिछड़ी जाति में नहीं आती है, इसके बावजूद भी वह चुनाव लड़कर जीत गई और बतौर अधिकारी ने उन्हें सरपंच का प्रमाण पत्र दे दिया है.

पीड़ित प्रत्याशी ने उठाया ये सवाल
इस मामले में सवाल खड़ा करते हुए पीड़ित प्रत्याशी विनोद पटेल ने बताया कि हाल ही में भारत सरकार ने राजपत्र में संशोधित अधिनियम प्रकाशित किया था, जिसमें 14 अगस्त 2023 को पूरे देशभर में महार, मेहार, माहौर सहित छह अन्य जाति को अनुसूचित जाति में शामिल कर लिया गया है. इसके चलते विजयी उम्मीदवार लता कौशल स्वयं अयोग्य हो जाती हैं, क्योंकि वह महार जाति के अंतर्गत आती है.
जल्द जांच के बाद करेंगे कार्रवाई : एसडीएम
पीड़ित विनोद पटेल का कहना है कि यह सब मामला चुनाव अधिकारी को बताया गया था. इसके बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया गया. उन्होंने शासन से मांग की है कि लता कौशल ने अपनी जाति को छुपाकर नियम के विरुद्ध चुनाव लड़ी है. इसके चलते चुनाव अधिकारी के खिलाफ कारवाई की जाए और निर्वाचन को शून्य किया जाए. पटेल ने सवाल उठाते हुए कहा, जब राजपत्र में यह बात स्पष्ट तौर पर लिखा है उसके बावजूद भी अधिकारी गलती कर रहे. इस मामले में एसडीएम साजा धनीराम रात्रे ने कहा, जल्द से जल्द जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
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