(सुधीर दंडोतिया की कलम से)

मध्यप्रदेश कांग्रेस दफ्तर की कैंटीन में ताला

मध्यप्रदेश कांग्रेस दफ्तर की कैंटीन में ताला लग गया है। कांग्रेस दफ्तर को जब नए क्लेवर में बदल गया था तो इसके साथ कैंटीन की भी शुरुआत बड़े तामझाम से की गई थी। प्रदर्शन के दौरान का खाना भी कैंटीन में बनता था, लेकिन धीरे-धीरे सब खत्म होता चल गया। पहले कैंटीन का ठेका किसी और को दिया गया, फिर बाद में ठेकेदार ने चलाने से इनकार कर दिया फिर दूसरे ठेकेदार को ढूंढा गया अब वो भी बोरिया बिस्तर बांधकर चल दिया हैं।

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45 कैमरे की निगरानी फिर भी दहशत में कप्तान साहब

ग्वालियर चंबल इलाके में तैनात एक कप्तान साहब के कार्यप्रणाली और व्यवहार की चर्चा जोरों पर है। जिले में जनप्रतिनिधि और जनता भी कप्तान साहब की कार्यप्रणाली को लेकर ज्यादा खुश नहीं है। जिले में तैनात होने के बाद से ही कप्तान साहब को जनता से ज्यादा खुद की सुरक्षा की फ़िक्र है। खुद सुरक्षा को लेकर कप्तान साहब की चिंता इतनी है कि उन्होंने दफ्तर और अपने बंगले को छावनी में तब्दील कर दिया है। कप्तान साहब ने बंगले पर चारों तरफ ऊंचा सुरक्षा घेरा तैयार करवाया है, जहां 24 घंटे पुलिसकर्मियों से खड़े होकर रखवाली करवाई जाती है। यही नहीं कप्तान साहब ने बंगले पर पूरे 45 कैमरे निगरानी के लिए लगवाए है। शहर की जनता में चर्चा है कि कप्तान साहब अगर इतने कैमरे शहर की सुरक्षा में लगाते तो शायद शहर में अपराध कम हो जाते!

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काम में पति का ठप्पा लगने से मंत्री परेशान

बीजेपी संगठन महिलाओं को सक्रिय राजनीति में लाने के साथ उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी दे रहा है। मध्य प्रदेश की एक नेत्री को इसका लाभ मिला और मंत्री पद तक पहुंची। यहां तक तो सब ठीक है, लेकिन कुछ दिनों से मंत्री महोदय के पति विभागीय कामकाज में कुछ ज्यादा ही दिलचस्पी लेने लगे हैं। पति महोदय के दखल पर चर्चा क्षेत्र के साथ विभागीय अफसरों के बीच भी होने लगी है। विभागीय कामकाज में पति के नाम का ठप्पा लगने से इन दिनों मंत्री महोदय परेशान हैं।

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रंगरोगन की आपाधापी में फिनिशिंग तक भूल गए

भोपाल में ग्लोबल स्तर के हुए कार्यक्रम को लेकर शहर को जमकर चमकाया गया। अति उत्साह इतना अधिक दिखा कि फुटपाथ पर लगे पेवर ब्लॉक तक पोत दिए गए। रंग रोगन केस दौर में फिनिशिंग का तनिक भी ध्यान नहीं रखा गया। टूटे हुए पेवर ब्लॉक की फिनिशिंग किए बगैर ही पोत दिए गए तो डैमेज फुटपाथ या बाउंड्री वॉल की रिपेयरिंग करने के बजाय सीधे रंगरोगन कर दिया गया। भोपाल को सजाने में हुई खानापूर्ति की ये तस्वीरें शहर के कई इलाकों में नजर आ रही हैं।

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