दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री आवास को राज्य अतिथि गृह में परिवर्तित करने की योजना बनाई है. भारतीय जनता पार्टी ने इस बंगले को ‘शीश महल’ (Sheesh Mahal)का नाम देकर पूर्व दिल्ली सरकार पर अनावश्यक खर्च का आरोप लगाया है. इस संदर्भ में बीजेपी विधायक ओपी शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस बंगले का उपयोग जनता के लाभ के लिए करना चाहती है, तो यह एक सकारात्मक कदम होगा.

BJP ने ‘शीश महल’ को बताया भोग-विलास का प्रतीक

ओपी शर्मा ने टिप्पणी की कि यह बंगला मुख्यमंत्री के निवास के लिए नहीं बनाया गया था, बल्कि अरविंद केजरीवाल ने इसे अपनी व्यक्तिगत सुविधाओं के लिए तैयार कराया है. बीजेपी इस प्रकार के ऐश्वर्य में विश्वास नहीं रखती, और यही कारण है कि हमारी मुख्यमंत्री ऐसे भव्य बंगलों में निवास नहीं करेंगी.

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उन्होंने उल्लेख किया कि इस बंगले के निर्माण में जनता के धन का उपयोग किया गया है, इसलिए इसे नष्ट नहीं किया जा सकता. इसका उचित उपयोग आवश्यक है, और यदि इसे राज्य अतिथि गृह में परिवर्तित किया जाता है, तो यह एक सकारात्मक कदम होगा.

“हमें भरोसा है, नुकसान नहीं होगा”

इस बंगले के निर्माण को लेकर पहले से ही विवाद उत्पन्न हो चुका है, और सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है. इस संदर्भ में ओपी शर्मा ने टिप्पणी की, “सीबीआई अपनी जांच जारी रखे, हमें पूर्ण विश्वास है कि इस बंगले में ऐसा कोई नुकसान नहीं होगा जो सवाल उठाए.”

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क्यों है यह बंगला विवादों में?

दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास के संबंध में विवाद तब उत्पन्न हुआ जब यह जानकारी सामने आई कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए लगभग 45 करोड़ रुपये की लागत से एक नया बंगला बनाया गया है. इस बंगले में उच्च गुणवत्ता के इंटीरियर्स, कांच की दीवारें, महंगे पर्दे, अत्याधुनिक सुविधाएं और अन्य भव्य निर्माण कार्य शामिल हैं.

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बीजेपी ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए इसे “शीश महल” करार दिया और कहा कि जनता के धन का गलत इस्तेमाल किया गया है. विपक्ष का तर्क है कि आम आदमी पार्टी सादगी का प्रचार करती है, जबकि वह स्वयं एक भव्य बंगले में निवास करना चाहती है. अब दिल्ली सरकार इस बंगले को राज्य अतिथि गृह में परिवर्तित करने की योजना बना रही है, ताकि सरकारी मेहमानों के ठहरने के लिए इसका उपयोग किया जा सके. यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस निर्णय को कब लागू करती है.