कुमार इंदर, जबलपुर. बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के बीच के मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं. उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री पर तंज कसा है और उनकी हिंदू राष्ट्र बनाने की धारणा पर सवाल उठाए है. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री हिंदू राष्ट्र बनाने निकले थे. लेकिन पीएम से मिलने के बाद ऐसा क्या हुआ कि वो हिंदू गांव बना रहे हैं. यह तो ठीक वैसा ही हुआ हाथी बनाने निकले हैं बना रहे हैं चूहा.
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने धीरेंद्र शास्त्री से सवाल करते हुए कहा कि जिस गांव में बाबा बागेश्वर धाम स्थापित है, क्या वह हिंदू गांव नहीं है? अपने गांव को किस आधार पर बाबा बागेश्वर हिंदू गांव होने से खारिज कर रहे हैं? उन्होंने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जिस संविधान की सरकार दुहाई देती है, उसी संविधान के विरुद्ध कानून बना रही है.
गौ हत्या को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने दिखाए तीखे देवर
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने गौ हत्या की रोकथाम के लिए सरकार पर किसी भी प्रकार के प्रयास न करने के आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि हमारी मां को कोई काट रहा है और उसे चोट पहुंचा रहा है तो हम भी शांत नहीं बैठेंगे. सीधे बल का प्रयोग करके मां की रक्षा करेंगे. कानून के भरोसे मां को मरने नहीं देंगे.
जो हमारी मां की हत्या करेगा हमें भी उनको चोट पहुंचाने का अधिकार है. मां की रक्षा के लिए हथियार लेकर निकलेंगे. तब हमसे कोई कानून की बात न करे. हम उस देश के वासी है, जहां पर गौ माता की हत्या होती है. गौ हत्या पर केंद्र सरकार को एक सा कानून बनाने की जरूरत है. केंद्र सरकार मामले से पलड़ा झाड़ने के लिए स्टेट पर छोड़ रही है. भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू कश्मीर में गौ हत्या के लिए छूट दी है. गौ माता की रक्षा के लिए हम इस सरकार पर भरोसा नहीं कर सकते.
बंगाल हिंसा पर शंकराचार्य का कड़ा रुख
शंकराचार्य ने कहा कि मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद राष्ट्रपति शासन की बात तो हो रही है. लेकिन लगाया नहीं जाता. बंगाल हिंसा पर राजनीति करने के आरोप लगाते हुए कहा कि सनातन बोर्ड के गठन की बात तो हो रही है. लेकिन इसका स्वरूप कैसा होगा यह बताने कोई भी तैयार नहीं है. सरकार ने सनातन बोर्ड बनाया तो वक्फ बोर्ड जैसा ही इसका भी हाल होगा. हम अपना गला क्यों सरकार को पकड़ाएं.
दर -दर की ठोकर खा रहा है सनातनी
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि इस देश में सबसे ज्यादा सनातनी होने के बाद भी दर-दर की ठोकर खा रहा हैं. देश के बहु संख्यक सनातनियों का कोई राजनीतिक लीडर नहीं है. जो लोग सनातनी नहीं है वो लोग हिंदू के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. सनातन के नाम पर राजनीतिक करने वालों को उनकी भावना से कोई मतलब नहीं है. इसलिए देश का बहुसंख्यक सनातनी दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर है.
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