अजयारविंद नामदेव, शहडोल. शादी का झांसा देकर महिला से दरिंदगी करने वाले कांस्टेबल को कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है. साथ कोर्ट ने 10,000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है. डीएनए रिपोर्ट ने इस झूठे प्यार की कहानी उजागर हुई.

दरअसल, मामला 2022 का है, जब फरियादिया धनपुरी थाना अपने सम्मन के सिलसिले में गई थी. जहां उसकी मुलाकात पुलिस आरक्षक ज्ञानेंद्र सिंह से हुई. दोनों में जान-पहचान के बाद बातचीत शुरू हुई. पुलिसकर्मी खुद को अविवाहित बताकर महिला से शादी का वादा किया और उसे किराए के मकान में रखकर कई जगहों पर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए.

शादी की बात पर करता था मारपीट

जब महिला ने बार-बार शादी की बात की, तो आरोपी टालमटोल करता रहा और मारपीट कर चुप कराता रहा. इस बीच महिला ने एक बेटे को जन्म दिया. सारा सच तब सामने आया जब आरोपी की पहली पत्नी और बच्चे उसी मकान में आ गए. महिला को पता चला कि आरोपी पहले से शादीशुदा है. महिला की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच शुरू की. डीएनए रिपोर्ट में सामने आया कि बच्चा आरोपी का ही बेटा है.

कोर्ट ने कही ये बातें

न्यायालय ने अपने निर्णय में लिखा कि आरोपी ने महिला को झूठा शादी का वादा कर उसकी सहमति प्राप्त की, जबकि वह पहले से शादीशुदा था और ऐसा विवाह कानूनन संभव नहीं था. अदालत ने फरियादिया की गवाही को विश्वसनीय मानते हुए आरोपी को दोषी ठहराया.


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