कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ऑल इंडिया इमाम आर्गेनाइजेशन के चीफ इमाम उमर अहमद इलियासी ग्वालियर पहुंचे। उन्होंने किलागेट स्थित शाही जामा मस्जिद में जुम्मे की नमाज अदा की। इस मौके पर उन्होंने मुस्लिम धर्म के युवा बुजुर्गों को संबोधित करते हुए आतंक और आतंकवादियों से जुड़े फतवे का ऐलान किया। इसके अलावा इलियासी ने विपक्ष द्वारा ऑपरेशन सिंदूर सहित मोदी सरकार के फैसलों पर खड़े किए जा रहे सवालों पर भी विपक्ष को आईना दिखाया है।

चीफ इमाम होने के नाते फतवा किया जारी

इमाम इलियासी का कहना है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ, वहां मासूम टूरिस्टों की निर्मम हत्या की गई थी। सबसे दुखद बात थी कि मजहब का नाम पूछकर यह हत्या की गई। आतंकवादी का कोई मजहब नहीं होता है।आतंकवादी सिर्फ शैतान होता है, इसलिए हमने बीती 27 अप्रैल को एक फतवा जारी किया है। यह पुरी दुनिया में पहला फतवा है जिसे ऑल इंडिया इमाम आर्गेनाइजेशन के चीफ इमाम होने के नाते उनके द्वारा जारी किया गया है।

इलियासी का कहना है कि यह फतवा आतंकवाद और आतंकियों को लेकर जारी किया गया है। जिसमें ऐलान किया गया है कि कोई भी आतंकवादी यदि भारत में मारा जाता है तो उसकी जनाजे की नमाज नहीं पढ़ाई जाएगी। उसे कब्र में भारत की जमीन पर दफनाने भी नहीं दिया जाएगा।

आतंकवादी संगठन है तो वह आतंकी नाम रखें

दूसरा फतवा यह भी जारी हुआ है कि लश्करे-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने मोहम्मद के नाम सहित इस्लाम के नाम पर संगठन बनाये हुए हैं। अब हमने उन्हें फतवा जारी करके ऐलान किया गया है कि वह मोहम्मद और इस्लाम से अपने संगठनों के नाम हटा दें। वो आतंकवादी संगठन है तो वह आतंकवादी नाम रखें। इस्लाम बचाने, इस्लाम सलामती शांति का मजहब है। इस्लाम के नाम को और मोहम्मद साहब के नाम को हम इस्तेमाल नहीं होने देंगे। हमने यह ऐलान किया है जो भारत से पहला फतवा है यह दुनिया के लिए एक बड़ा संदेश है।

किसी पार्टी या देश का नहीं यह आतंकवाद के खिलाफ जंग

ऑपरेशन सिंदूर सहित अन्य मामलों पर विपक्ष द्वारा हाल ही में खड़े किए सवालों पर इमाम इलियासी ने पूरे विपक्ष को आइना दिखाया है। उनका कहना है कि जो लोग आज मुगालफत और सियासत कर रहे हैं उनको चीफ इमाम होने के नाते मेरा संदेश है कि यह समय किसी तरह का सवाल उठाने का समय नहीं है। यह सहयोग करने का समय है। आतंकवाद के विरोध में जंग है। यह किसी पार्टी या देश का नहीं है। यह आतंकवाद के खिलाफ जंग है। भारत इसके लिए लड़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकल्प लिया है कि जब तक आतंकवाद को खत्म नहीं कर दिया जाएगा तब वे शान्त नही बैठेंगें।

इससे बड़ा और क्या सबूत विपक्ष लेंगे

जिस तरह से आतंकवादी अड्डों को उड़ा दिया गया, मसूद अजहर चिल्ला रहा और रो रहा है कि मेरे परिवार को मार दिया। इससे बड़ा और सबूत क्या हो सकता है वहां आतंकवादी अड्डे खत्म कर दिए गए। पाकिस्तान ने खुद माना है कि आतंकवादियों को उड़ाया गया है। इससे बड़ा और क्या सबूत विपक्ष लेंगे। विपक्ष को समझना चाहिए कि एक होकर मिलकर आतंकवाद का मुकाबला करना चाहिए ना कि सवाल करना चाहिए।

ऐसा विपक्ष सही नहीं होता है जो ईमानदार न हो

देश में ममता बनर्जी सहित अन्य विपक्षी नेताओं के द्वारा मुसलमानों को मोदी सरकार द्वारा देश में टारगेट किए जाने से जुड़े सवाल पर कहा विपक्ष का यह काम है। जब से मोदी 2014 से प्रधानमंत्री बने हैं तब से विपक्ष ने आज तक उनके किसी काम की तारीफ नहीं की है। मैं विपक्ष को ईमानदार तब मानता कि यदि उन्होंने मोदी के एक भी काम की तारीफ की होती। विपक्ष सिर्फ उनकी बुराई करती है। उनके काम को खराब कहती है। विरोध करती रहती है। ऐसा विपक्ष सही नहीं होता है जो ईमानदार नहीं हो। विपक्ष को भी ईमानदार होना चाहिए। सच को सच और गलत को गलत कहना चाहिए तब विपक्ष की ईमानदारी मानी जाती है।

बता दें कि अपने विचारों को लेकर उमर अहमद इलियासी हमेशा चर्चाओं में रहते है। वह खुद को भगवान कृष्ण का वंशज यानी यदुवंशी मानते हैं। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के चलते उनके खिलाफ भी फतवा जारी हुआ था।

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