एक्सचेंज के दो पूर्व प्रमुखों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई.
मुंबई. पूंजी बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को एक खास जगह स्थापित एक्सचेंज के कुछ सर्वर को कारोबार में कथित रूप से वरीयता देने (को-लोकेशन) के मामले में 625 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि सेबी के एक विशेष कोष में भरने के आदेश दिए हैं. एनएसई की को-लोकेशन सुविधा के माध्यम से उच्च आवृति वाले कारोबार में अनियमितता के आरोपों की जांच सेबी कर रहा है. आदेश में कहा गया है, ” एनएसई को 624.89 करोड़ रुपये और उसके साथ उस पर 1 अप्रैल 2014 से 12 प्रतिशत सालाना ब्याज सहित पूरी राशि सेबी द्वारा स्थापित निवेशक सुरक्षा एवं शिक्षा कोष (आईपीईएफ) में भरनी होगी.”
NSE के दो पूर्व प्रमुखों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इस मामले में एनएसई के दो पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारियों रवि नारायण और चित्रा रामकृष्ण को एक अवधि विशेष के दौरान प्राप्त वेतन के 25 प्रतिशत हिस्से को वापस करने के लिए भी कहा है. सेबी ने इन दोनों पूर्व अधिकारियों पर पांच साल तक किसी सूचीबद्ध कंपनी या बाजार ढांचा चलाने वाले संस्थान या बाजार में बिचौलिए का काम करने वाली इकाई के साथ काम करने पर रोक भी लगायी है. आदेश के मुताबिक, सेबी ने दोनों को छह महीने के लिए प्रतिभूति बाजार में सीधे या परोक्ष रूप से कारोबार करने से भी रोक दिया है.