ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मंगलवार को भुवनेश्वर के लोक सेवा भवन में ‘जीरो एक्सीडेंट डे’ अभियान में भाग लिया, जिसमें वाणिज्य और परिवहन विभाग के तहत 575.77 करोड़ रुपये की लागत वाली कई प्रमुख पहलों का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य राज्य भर में बुनियादी ढांचे और सड़क सुरक्षा को बढ़ाना है.

जीरो एक्सीडेंट डे क्या है ?

जीरो एक्सीडेंट डे (Zero Accident Day) एक खास अभियान है, जिसे ओडिशा सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया है. इस पहल का मकसद है सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को शून्य करना और लोगों को सुरक्षित यात्रा के लिए जागरूक करना. यह 30 दिन का एक अनोखा अभियान है, जिसे महिलाओं के नेतृत्व में चलाया जा रहा है, ताकि सड़क पर जिम्मेदार व्यवहार को बढ़ावा मिले और एक सुरक्षित समाज की नींव रखी जाए.


क्या है इस अभियान का उद्देश्य ?

जीरो एक्सीडेंट डे का मुख्य लक्ष्य है सड़क दुर्घटनाओं को रोकना. जिसमें कई सारी मौतें और लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं. भारत में सड़क दुर्घटनाएं एक बड़ी समस्या हैं, जहां हर साल लाखों लोग हादसों में जान गंवाते हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ओडिशा में 2021 से 2023 के बीच 16,287 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई, जिसमें 2023 में 5,739 मौतें दर्ज की गईं. इस अभियान के जरिए सरकार तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने वालों, नशे में गाड़ी चलाने, गलत दिशा में ड्राइविंग और मोबाइल फोन के इस्तेमाल जैसी खतरनाक आदतों पर रोक लगाना चाहती है.

बसों की मिलेगी सुविधा

इस अभियान के तहत 15 वॉल्वो बसों को ‘जगन्नाथ एक्सप्रेस’ के बैनर तले शुरू किया गया. जो पुरी को अयोध्या, तिरुपति, उज्जैन, हैदराबाद, भिलाई और भुवनेश्वर को विशाखापट्टनम से जोड़ेगी. इस पहल पर 27.3 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. इसके अलावा, भद्रक जिले में बसुदेवपुर और धमारा में आधुनिक अटल बस स्टैंड और बालासोर में बस्ता बस स्टैंड का उद्घाटन किया गया. सीएम ने 11 पूरी तरह से स्वचालित ड्राइविंग टेस्ट सेंटर भी शुरू किए, जो सोनपुर, चांदीखोल, भंजनगर, मयूरभंज, रायरंगपुर, बलांगीर, तालचेर, मलकानगिरी, नयागढ़, नवापारा और देवगढ़ जिलों में बनाए गए हैं. इन पर 24 करोड़ रुपये की लागत आई है.