पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के मैंनपुर विकासखंड में मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे दोनों जिला पंचायत सदस्यों की तबीयत अब बिगड़ने लगी है। 4 जून की सुबह 8 बजे से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे संजय नेताम और लोकेश्वरी नेताम अब भी अपने 10 सूत्रीय मांगों को लेकर डटे हुए हैं।

स्वास्थ्य जांच में सामने आया है कि संजय नेताम का ब्लड प्रेशर गिर चुका है, वहीं पहले से हाई बीपी की मरीज लोकेश्वरी नेताम की हालत भी नाजुक हो गई है। दोनों प्रतिनिधि मैंनपुर एसडीएम कार्यालय के बाहर बगैर अन्न-जल के लगातार बैठे हुए हैं। उनके समर्थन में 10 पंचायत प्रतिनिधि और दर्जनों ग्रामीण भी धरने में शामिल हैं।

क्या हैं मांगे?

जनप्रतिनिधियों की मांग है कि मैंनपुर ब्लॉक के 40 आदिवासी बहुल गांवों में जल्द से जल्द विद्युतीकरण, पक्के पुलों का निर्माण, जर्जर आश्रम-शालाओं की मरम्मत और अन्य मूलभूत सुविधाओं को मंजूरी दी जाए।

कुछ मांगें मानी गईं, लेकिन हड़ताल अब भी जारी

धरना शुरू होने के बाद प्रशासन ने कुछ मांगों पर कार्रवाई करते हुए तीन डॉक्टरों की नियुक्ति, स्कूलों और आश्रमों की मरम्मत, और कुछ पुल-पुलियों के निर्माण कार्य की मंजूरी दी है। प्रशासन का कहना है कि विद्युतीकरण से जुड़ी फाइलें प्रक्रिया में हैं, और जल्द प्रगति होगी।

CM से मिलने की जिद पर अड़े

हालांकि भूख हड़ताल कर रहे जनप्रतिनिधियों का साफ कहना है कि वे तब तक नहीं उठेंगे जब तक मुख्यमंत्री से उनकी सीधी मुलाकात नहीं होती। यही एकमात्र मांग है जो अब तक पूरी नहीं हो पाई है और आंदोलन का केंद्र बनी हुई है।

प्रशासनिक अधिकारियों ने आश्वासन तो दिए हैं, लेकिन भूख हड़ताल दूसरे दिन भी जारी है। अब सवाल ये है कि कब तक इन जनप्रतिनिधियों की आवाज सीएम तक पहुंचेगी और कब उन्हें राहत मिलेगी।

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