दिल्ली से करनाल पहुंचना अब और भी आसान होगा। दिल्ली को जीटी रोड के साथ-साथ सोनीपत, पानीपत और करनाल से रेलवे के माध्यम से जोड़ने वाले प्रोजेक्ट रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS ) का काम जल्द शुरू हो सकता है। दिल्ली-पानीपत-करनाल नमो भारत कॉरिडोर के पूरा हो जाने पर, दिल्ली और हरियाणा के प्रमुख शहरी केंद्रों के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। इसके बाद 90 मिनट में नमो भारत पानीपत, सोनीपत के रास्ते हाई-स्पीड कॉरिडोर के साथ आवागमन को बदलेगा। बताया जा रहा है कि राजधानी में 7 स्टेशनों की योजना है।
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नेशनल हाइवे 44 (जीटी रोड) के साथ-साथ रेलवे का रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का प्रोजेक्ट बरसों से धरातल पर उतरने का इंतजार कर रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत जीटी रोड के साथ साथ हाईस्पीड रेल के जरिय करनाल को दिल्ली से कनेक्ट किया जाना है। सरकारों के स्तर पर तो इस प्रोजेक्ट की डीपीआर तो पहले ही मंजूर हो चुकी है, अब बस अंतिम स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है। इस परियोजना को तेज़ी से आगे बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसका उद्देश्य दिल्ली और हरियाणा के बीच कनेक्टिविटी को मज़बूत करना है।
भाजपा ने हाल ही में दिल्ली चुनावों में जो घोषणापत्र जारी किया था। इसमें में फेज 1 में प्रस्तावित दोनों आरआरटीएस कॉरिडोर को तेज़ी से पूरा करने का वादा किया था। जिसमें दिल्ली-गुरुग्राम-अलवर और दिल्ली-पानीपत-करनाल लाइन शामिल है। इसके अलावा, वाणिज्य मंत्रालय ने भी दिल्ली-पानीपत-करनाल कॉरिडोर को पीएम गति शक्ति योजना के तहत चार महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक के रूप में समीक्षा की है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद निर्माण कार्य में लगभग 6 साल लगेंगे, जो दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ को जोड़ने वाली पहली आरआरटीएस लाइन की समय-सीमा पर आधारित है। अगला कदम भूमि अधिग्रहण का होगा। हालांकि अधिकांश रूट सरकारी जमीन पर है, जिससे देरी की संभावना कम होगी।
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हरियाणा के ये शहर होंगे शामिल
बता दें कि प्रस्तावित कॉरिडोर दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होकर हरियाणा के करनाल में न्यू आईएसबीटी पर खत्म होगा। नमो भारत ट्रेनें, जिन्हें 180 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने के लिए डिजाइन किया गया है और जिनकी अधिकतम परिचालन गति 160 किमी प्रति घंटा है, हरियाणा और दिल्ली के महत्वपूर्ण शहरी केंद्रों के बीच हाई-स्पीड कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी। यह कॉरिडोर हरियाणा के प्रमुख औद्योगिक और शैक्षणिक केंद्रों से होकर गुजरेगा, जिसमें सोनीपत एजुकेशन सिटी, कुंडली, बरही औद्योगिक क्षेत्र, पानीपत शहर, आईओसीएल रिफाइनरी और करनाल शामिल हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से इन स्थानों के बीच हर रोज लाखों लोग यात्रा करते हैं।
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क्या मिलेगा फायदा?
नमो भारत ट्रेन 90 किमी प्रति घंटे की औसत गति से चलती हैं और कई स्थानों पर रुकती हैं और अन्य उपलब्ध परिवहन विकल्पों की तुलना में काफी कम समय में दूरी तय करेंगी। इसके कारण कामकाजी समूह की आबादी, श्रम शक्ति, औद्योगिक श्रमिकों, अंतर-शहर यात्रियों और छात्रों के लिए उनके सफर को आसान बनाएगा। साथ ही नए अवसर भी पैदा होंगे।
दिल्ली के कौन से स्टेशन से गुजरेगी ट्रेन?
दिल्ली-पानीपत-करनाल, क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के पहले चरण के लिए प्राथमिकता वाले तीन कॉरिडोर में से एक है। दिल्ली और हरियाणा के बीच 136 किलोमीटर से ज्यादा लंबे इस कॉरिडोर का लगभग 100 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में पड़ता है और बाकी दिल्ली से होकर गुजरेगा। इस रूट पर नियोजित 18 स्टेशनों में से सात दिल्ली में हैं और संचालन में सहायता के लिए मुरथल और गंजबार में एक-एक डिपो है। सराय काले खां के अलावा, दिल्ली के अन्य स्टेशन इंद्रप्रस्थ, कश्मीरी गेट, झरोदा कलां, भलस्वा चौक, अलीपुर और नरेला शामिल हैं।
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