नितिन नामदेव, रायपुर. प्रभु श्रीराम के ननिहाल चंदखुरी स्थित कौशल्या माता धाम में जल्द भगवान राम की 51 फीट की नई प्रतिमा लगेगी. भगवान राम की प्रतिमा एक हफ्ते में ग्वालियर से छत्तीसगढ़ आ जाएगी. यह प्रतिमा सैंड स्टोन से बनी है, जो 3 फेस में तैयार हुई है.

चंंदखुरी में लगने वाली भगवार राम की भव्य प्रतिमा को ग्वालियर के मूर्तिकार दीपक विश्वकर्मा अंतिम रूप दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों पेमेंट नहीं होने के चलते काम को रोक दिया गया था. अब प्रतिमा का काम अंतिम चरणों में है. जल्द इस प्रतिमा को छत्तीसगढ़ पहुंचा दी जाएगी.

लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत करते हुए ग्वालियर के मूर्तिकार दीपक विश्वकर्मा ने बताया कि हफ्तेभर में मूर्ति ग्वालियर से छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हो जाएगी. करीब 22 से 25 लोगों की टीम ने मिलकर भगवान राम की मूर्ति को तैयार किया है. मूर्ति के अलग-अलग हिस्से को ट्रेलर के माध्यम से ले जाया जाएगा और सभी हिस्से को चंदखुरी पहुंचने के बाद वहां एक साथ जोड़कर स्थापित किया जाएगा. इस मूर्ति में करीब 72 से 74 लाख रुपयों का खर्चा आ चुका है.

देश में कौशल्या माता का है इकलौता मंदिर

छत्तीसगढ़ में चंदखुरी को भगवान श्री राम का ननिहाल कहा जाता है. यहां कौशल्या माता का एक प्राचीन मंदिर है, जिसे 10वीं शताब्दी में बनाया गया था. कौशल्या माता मंदिर में मौजूद माता की प्रतिमा भी अद्भुत है. यहां माता कौशल्या श्रीराम को गोद में लिए हुए हैं. यह पूरे देश में कौशल्या माता का इकलौता मंदिर है. यह मंदिर तालाब के बीचों बीच बना हुआ है और आसपास जहां तक देखें वहां खूबसूरत दृश्य ही दिखाई देता है.

पुरानी प्रतिमा की स्थापना और विवाद

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 25 किलोमीटर दूर चंदखुरी गांव में स्थित माता कौशल्या के प्राचीन मंदिर का नवनिर्माण किया गया था. अक्टूबर 2021 में यहां भगवान श्रीराम की 51 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई थी. इस प्रतिमा की स्थापना कांग्रेस शासनकाल में की गई थी, लेकिन इसके बाद भाजपा के नेताओं ने प्रतिमा के मुख और आकृति को लेकर आपत्ति जताई थी. भाजपा नेताओं का आरोप था कि इस प्रतिमा को जल्दबाजी में तैयार करके स्थापित किया गया है. भाजपा के सत्ता में आने के बाद पूर्व तत्कालीन धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने घोषणा की थी कि भगवार राम की प्रतिमा को हटाकर नई प्रतिमा स्थापित की जाएगी.

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