लोकसभा में विपक्ष के नेता और रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी(Rahul Gandhi)आज गुरुवार को अपना 55वां जन्मदिन मनाएंगे. इस अवसर पर कांग्रेस पार्टी की दिल्ली इकाई और भारतीय युवा कांग्रेस एक बड़ा रोजगार मेला (Rojgaar Mela)आयोजित करने जा रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य राहुल गांधी के केंद्रीय राजनीतिक मुद्दों में से एक, बेरोजगारी, पर ध्यान केंद्रित करना है. पिछले कुछ वर्षों में, राहुल गांधी ने अपने भाषणों में बेरोजगारी को प्रमुखता से उठाया है और इसे बीजेपी सरकार की विफलता के रूप में पेश किया है. यह कार्यक्रम गांधी के राजनीतिक संदेश को राष्ट्रीय राजधानी में प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने के लिए आयोजित किया जा रहा है, साथ ही कांग्रेस पार्टी अपनी संगठनात्मक उपस्थिति को दिल्ली में पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है.

दिल्ली से लेह जा रही Indigo फ्लाइट की तकनीकी खराबी के बाद वापस लौटी, IGI एयरपोर्ट पर करानी पड़ी इमरजेंसी लैंडिंग, देखें वीडियो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगुवाई में बीजेपी 11 साल से सत्ता पर काबिज है और देश के आधे से ज्यादा राज्यों में उसकी सरकार है. 2024 में बीजेपी को बहुमत के आंकड़े से पीछे रखने में कांग्रेस जरूर कामयाब रही, लेकिन उसे सत्ता से बाहर नहीं कर सकी. ऐसे में राहुल के सामने गांधी परिवार की सियासी विरासत को बचाए रखने के साथ-साथ कांग्रेस को दोबारा से खड़े करने की चुनौती है. यही वजह है कि राहुल गांधी के 55वें जन्मदिन के मौके पर दिल्ली में यूथ कांग्रेस ने रोजगार मेला लगाकर युवाओं को साधने के साथ मोदी सरकार को नौकरी के मुद्दे पर कठघरे में खड़ा करने की प्लानिंग की है.

यूथ कांग्रेस का दिल्ली में रोजगार मेला

राहुल गांधी के जन्मदिन के अवसर पर बुधवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में यूथ कांग्रेस ने एक विशाल रोजगार मेला आयोजित किया है. इस मेले में देश की प्रमुख प्राइवेट कंपनियों की भागीदारी होगी, जिसके लिए कांग्रेस नेता कई दिनों से प्रचार कर रहे थे. अनुमान है कि इस रोजगार मेले में 100 से अधिक कंपनियां शामिल होंगी, जो युवाओं को उनकी क्षमताओं के अनुसार रोजगार प्रदान करेंगी. दिल्ली यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा के अनुसार, यह दिल्ली-एनसीआर का सबसे बड़ा रोजगार मेला है.

दिल्ली में होगी ‘कृत्रिम बारिश’, IMD ने पायलट प्रोजेक्ट को दी मंजूरी, जानें कैसे होगी आर्टिफीशियल बरसात

दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने मीडिया से बातचीत में बताया कि रोजगार मेला सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक आयोजित होगा. इस मेले में 20 हजार युवाओं ने पंजीकरण कराया है. भाग लेने वाली कंपनियों में जेप्टो, एयरटेल, ब्लिंकिट, टाटा, एचडीएफसी बैंक, फ्लिपकार्ट, महिंद्रा और एक्सिस बैंक शामिल हैं, साथ ही कई आईटी और कंसल्टेंसी कंपनियां भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगी. इस रोजगार मेले में कंपनियां लगभग 5,000 रिक्तियों की पेशकश करेंगी.

युवाओं को कांग्रेस से जोड़ने का प्लान

राहुल गांधी और कांग्रेस ने रोजगार के मुद्दे पर मोदी सरकार को लगातार निशाने पर लिया है. कांग्रेस का आरोप है कि पीएम मोदी ने हर साल दो करोड़ युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था, जिसे उन्होंने पूरा नहीं किया. इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने संसद से लेकर सड़क तक मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की है. राहुल गांधी के 55वें जन्मदिन पर रोजगार मेला आयोजित करके कांग्रेस ने एक साथ कई राजनीतिक लक्ष्यों को साधने की योजना बनाई है. इस आयोजन के माध्यम से एक ओर युवाओं को आकर्षित करने का प्रयास है, वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार को रोजगार के मुद्दे पर कठघरे में खड़ा करने की रणनीति भी है.

कैंसर की नकली दवाओं की शिकायतों पर दिल्ली सरकार सख्त, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- दोषियों के खिलाफ होगी सख्त कानूनी कार्रवाई

देवेंद्र यादव का कहना है कि रोजगार मेले का आयोजन राहुल गांधी की युवाओं के प्रति चिंता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है. राहुल गांधी ने संसद और सार्वजनिक मंचों पर बेरोजगारी के मुद्दे को बार-बार उठाया है, यह बताते हुए कि सरकार के वादे वास्तविकता में रोजगार में नहीं बदले हैं. यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब ने बताया कि मोदी सरकार ने हर वर्ष दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन सरकारी आंकड़े यह दर्शाते हैं कि पिछले 40-50 वर्षों में बेरोजगारी अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. राहुल गांधी ने इस मुद्दे को सड़क से लेकर संसद तक प्रमुखता से उठाया है और वे बेरोजगार युवाओं की सशक्त आवाज बन गए हैं.

युवाओं को साधने का लार्जर प्लान

कांग्रेस ने रोजगार मेले के आयोजन के माध्यम से केवल दिल्ली नहीं, बल्कि पूरे देश में युवाओं को आकर्षित करने की योजना बनाई है. तालकटोरा स्टेडियम में होने वाले इस मेले में कांग्रेस के युवा नेता शामिल होंगे, जिनमें यूथ कांग्रेस के नेता, सचिन पायलट, इमरान प्रतापगढ़ी और कन्हैया कुमार जैसे कई प्रमुख युवा चेहरे शामिल हैं. यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब ने बताया कि कांग्रेस इस रोजगार मेले को दिल्ली तक सीमित नहीं रखेगी, बल्कि भविष्य में विभिन्न राज्यों में भी ऐसे आयोजनों की योजना बना रही है.

Delhi Weather: दिल्ली में मौसम मेहरबान; 261 दिन बाद सबसे साफ हवा, आंधी-तूफान के साथ बारिश का येलो अलर्ट जारी

उदय भानु चिब के अनुसार, इससे पहले यूथ कांग्रेस ने राजस्थान में एक सफल रोजगार मेला आयोजित किया था, जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं को नौकरी मिली थी. इसी अनुभव को ध्यान में रखते हुए, दिल्ली में भी रोजगार मेला आयोजित करने की योजना बनाई गई है, जहां एनसीआर के युवाओं को कंपनियों के साथ सीधे इंटरव्यू का अवसर मिलेगा. इस मेले में विभिन्न शैक्षिक योग्यता वाले युवाओं के लिए नौकरी के अवसर उपलब्ध होंगे, चाहे वे 12वीं पास हों या पीएचडी धारक. इसके साथ ही, कई युवाओं को ऑफर लेटर भी प्रदान किए जाएंगे.

कांग्रेस चुनावी राज्यों में लगाएगी जॉब फेयर

कांग्रेस ने युवाओं को आकर्षित करने के लिए केवल दिल्ली में ही नहीं, बल्कि संभावित चुनावी राज्यों में भी रोजगार मेलों का आयोजन करने की योजना बनाई है. दिल्ली के बाद, पार्टी जल्द ही बिहार में रोजगार मेला आयोजित कर सकती है, जहां इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसके बाद, 2026 में केरल, पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु और पुद्दुचेरी में चुनाव होंगे, जबकि 2027 में गोवा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और मणिपुर में चुनाव की प्रक्रिया होगी. इस संदर्भ में, कांग्रेस इन राज्यों में नौकरी के मुद्दे को राजनीतिक रूप से मजबूत करने और युवाओं को अपने पक्ष में लाने के लिए रोजगार मेलों का आयोजन कर सकती है.

कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार के खिलाफ रोजगार के मुद्दे को अपने राजनीतिक एजेंडे में प्रमुखता से शामिल करना चाहती है. राहुल गांधी इस दिशा में सक्रिय रूप से बीजेपी को चुनौती दे रहे हैं और विभिन्न राज्यों में युवाओं तथा छात्रों से मिलकर उनकी समस्याओं पर चर्चा कर रहे हैं. हाल ही में कन्हैया कुमार के नेतृत्व में बिहार में रोजगार और पलायन के मुद्दे पर एक यात्रा आयोजित की गई, जिसमें राहुल गांधी भी बेगुसराय में शामिल हुए. इसके बाद, उन्होंने दरभंगा में दलित-ओबीसी छात्रों के साथ संवाद किया. कांग्रेस अपने चुनावी घोषणापत्र में युवाओं को रोजगार देने का वादा करती रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पार्टी रोजगार मेले को युवाओं को आकर्षित करने के एक प्रयास के रूप में देख रही है.