Rajnath Singh In SCO Summit: चीन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन आज से शुरू हो गया। इस बार भारत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी एससीओ समिट (SCO Summit) में भाग लेने के लिए चीन पहुंचे हैं। मई 2020 में पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीन सेना के बीच हुए तकरार के बाद किसी वरिष्ठ भारतीय मंत्री की यह पहली चीन यात्रा है। समिट में राजनाथ सिंह ने चीन में बैठकर उसके साथी देश पाकिस्तान को जमकर लताड़ा। उन्होंनेआतंकवाद और ऑपरेशन सिंदूर का खुलकर जिक्र किया और कहा कि हमारा आतंकवाद के खिलाफ एक्शन जारी रहेगा। इस दौरान राजनाथ सिंह के सामने बैठे पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ चुपचाप बस भारतीय रक्षा मंत्री को सुनते रहे।

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किंगदाओ में बैठक से पहले सभी रक्षा मंत्रियों के साथ ग्रुप फोटो ली गई, जिसमें राजनाथ सिंह और ख्वाजा आसिफ भी शामिल हुए। इनके अलावा चीनी रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून और अन्य नेता भी रक्षा मंत्रियों की बैठक में एक ग्रुप फोटों खिंचवाई। रक्षा मंत्रियों की बैठक शुरू होने से पहले चीनी रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून ने राजनाथ का स्वागत किया।

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इसके बाद SCO (शंघाई सहयोग संगठन) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद पर राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को जमकर लताड़ा। रक्षा मंत्री ने आतंकवाद के मसले पर पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया है।उन्होंने अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीति के तौर पर इस्तेमाल करते हैं और आतंकवादियों को पनाह देते हैं। उनके खिलाफ अब कार्रवाई होते रहेगी।

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राजनाथ सिंह ने कहा कि मेरा मानना ​​है कि हमारे क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से जुड़ी हैं और इन समस्याओं का मूल कारण बढ़ता कट्टरपंथ, उग्रवाद और आतंकवाद है। शांति और समृद्धि आतंकवाद और गैर-राज्य अभिनेताओं और आतंकवादी समूहों के हाथों में सामूहिक विनाश के हथियारों (WMD) के प्रसार के साथ सह-अस्तित्व में नहीं रह सकती। इन चुनौतियों से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई की जरूरत है और हमें अपनी सामूहिक सुरक्षा के लिए इन बुराइयों के खिलाफ अपनी लड़ाई में एकजुट होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, “यह जरूरी है कि जो लोग आतंकवाद को प्रायोजित, पोषित और अपने संकीर्ण और स्वार्थी उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करते हैं, उन्हें इसके नतीजे भुगतने होंगे।

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पहलगाम में धार्मिक आधार पर मारी गई गोलीः राजनाथ

पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “22 अप्रैल 2025 को, आतंकवादी समूह ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर एक नृशंस और जघन्य हमला किया। एक नेपाली नागरिक सहित 26 निर्दोष नागरिक मारे गए। पीड़ितों को धार्मिक पहचान के आधार पर प्रोफाइल बनाकर गोली मार दी गई। द रेजिस्टेंस फ्रंट ने हमले की जिम्मेदारी ली है जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रॉक्सी है।

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‘हमने दिखा दिया है…’

रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि आतंकवाद के प्रति भारत की शून्य सहनशीलता आज उसके कार्यों से झलकती है। इसमें आतंकवाद के खिलाफ खुद की रक्षा करने का हमारा अधिकार भी शामिल है। हमने दिखा दिया है कि आतंकवाद के केंद्र अब सुरक्षित नहीं हैं और हम उन्हें निशाना बनाने में संकोच नहीं करेंगे। राजनाथ सिंह ने कहा कि हमें अपने युवाओं में कट्टरपंथ के फैलाव को रोकने के लिए भी सक्रिय कदम उठाने चाहिए। SCO के RATS तंत्र ने इस संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत की अध्यक्षता के दौरान जारी किए गए ‘आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद को बढ़ावा देने वाले कट्टरपंथ का मुकाबला करने’ पर SCO के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद का संयुक्त वक्तव्य हमारी साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

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लद्दाख प्रकरण के बाद पहली बड़ी यात्रा

बता दें कि मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैन्य गतिरोध के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आने के बाद किसी वरिष्ठ भारतीय मंत्री की यह पहली चीन यात्रा भी है। राजनाथ सिंह का किंगदाओ एयरपोर्ट पहुंचने पर भारतीय राजदूत प्रदीप कुमार रावत ने स्वागत किया।

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