Bihar Politics: बिहार की राजनीति में जदयू और राजद के बीच तकरार अब और तेज हो गई है. रविवार को जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने फुलवारीशरीफ में आयोजित एक कार्यक्रम में बड़ा बयान देते हुए कहा कि, अगर राज्य में अगली सरकार एनडीए की बनती है, तो राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की फुलवारीशरीफ स्थित छह एकड़ जमीन को जब्त किया जाएगा. नीरज कुमार ने यह भी दावा किया कि इस जमीन पर सरकारी खर्च से भूमिहीन परिवारों के लिए घर बनाए जाएंगे.

‘सिर्फ संपत्ति बटोरने पर दिया ध्यान’

नीरज कुमार ने लालू परिवार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए, खासकर 2004 से 2009 के बीच ‘नौकरी के बदले जमीन’ घोटाले को लेकर. उन्होंने कहा कि, लालू यादव ने अपने कार्यकाल के दौरान जनकल्याण की बजाय सिर्फ संपत्ति बटोरने पर ध्यान दिया. जदयू नेता ने यह भी कहा कि अब वक्त आ गया है कि जिन गरीबों के नाम पर राजनीति की गई, उनके लिए कुछ वास्तविक किया जाए.

नीरज के बयान पर राजद का पलटवार

नीरज कुमार के इस बयान पर राजद की ओर से तीखी प्रतिक्रिया भी सामने आई है. राजद के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने जदयू के आरोपों को पूरी तरह निराधार और चुनावी नौटंकी बताया. उन्होंने कहा कि नवंबर 2025 के बाद बिहार में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में नई सरकार बनेगी, जो एनडीए सरकार की कथित भ्रष्ट गतिविधियों की जांच कराएगी. उन्होंने केंद्र की एजेंसियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि, चुनावी मौसम में लालू परिवार को निशाना बनाना राजनीतिक साजिश है.

सुर्खियों में रहा है जमीन घोटाला

गौरतलब है कि नौकरी के बदले जमीन घोटाले की जांच पहले से ही सुर्खियों में है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, मीसा भारती और हेमा यादव से पूछताछ की है. आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव ने ग्रुप-डी की नौकरियों के बदले अपने परिवार के नाम सस्ती दरों पर जमीन लिखवा ली थी.

जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, यह मामला और भी राजनीतिक रंग लेता जा रहा है, जहां एक ओर राजद इसे सत्ता से बाहर रखने की साजिश बता रहा है, वहीं जदयू और बीजेपी इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई मान रही हैं.

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