Gopal Khemka net worth: बिहार की राजधानी पटना शुक्रवार देर रात एक दर्दनाक वारदात से उस समय दहल उठी, जब बिहार के जाने-माने उद्योगपति गोपाल खेमका की अज्ञात बाइक सवार अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। घटना गांधी मैदान थाना क्षेत्र की है, जहां गोपाल खेमका अपने क्लब से लौटकर जैसे ही अपने अपार्टमेंट के गेट के पास पहुंचे। वहां, पहले से घात लगाए अपराधियों ने उन्हें सिर में गोली मार दी।

गोली लगते ही खेमका ज़मीन पर गिर पड़े। परिवारवालों ने उन्हें तुरंत कंकड़बाग स्थित एक निजी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। गोपाल खेमका के हत्या की यह खबर जैसे ही फैली, इलाके में सनसनी फैल गई।

करोड़ों की संपत्ति के मालिक थे गोपाल खेमका

गोपाल खेमका बिहार के उन चुनिंदा उद्योगपतियों में से एक थे, जिनका व्यापार कई क्षेत्रों में फैला हुआ था। हालांकि उनकी कुल संपत्ति का आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया है, लेकिन व्यापारिक गतिविधियों को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वह पटना के टॉप 10 कारोबारियों में शामिल थे और कई करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक थे।

  • वह पटना के प्रसिद्ध मगध अस्पताल के मालिक थे।
  • दवा की कई खुदरा दुकानों का संचालन करते थे।
  • हाजीपुर में दो गत्ते की फैक्ट्रियों के मालिक थे।
  • पटना के एग्जीबिशन रोड पर उनका एक पेट्रोल पंप भी है।
  • इसके अलावा, हाजीपुर इंडस्ट्रियल एरिया में भी उनकी एक फैक्ट्री है।

2018 में बेटे की गोली मारकर हुई थी हत्या

2018 में गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की हत्या वैशाली जिले में गोली मारकर कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया, लेकिन हत्या की असली वजह पता नहीं चल पाई। गिरफ्तार हुआ आरोपी हत्या के कुछ दिनों बाद जेल से बाहर आ गया, लेकिन उसकी भी हत्या कर दी गई। इसके चलते गोपाल खेमका की हत्या की असली वजह पता नहीं चल सकी। वही, अब गोपाल खेमका की भी घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई।

हत्या के पीछे की वजह पर सस्पेंस

फिलहाल हत्या की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। हालांकि पुलिस ने मामले में एक संदिग्ध युवक को हिरासत में लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस इस हाई-प्रोफाइल केस में व्यापारिक रंजिश, ज़मीन विवाद या फिर व्यक्तिगत दुश्मनी जैसे एंगल की जांच की जा रही है।

पटना जैसे बड़े शहर में इस तरह एक प्रतिष्ठित व्यवसायी की हत्या ने कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। व्यवसायिक समुदाय में भी डर और नाराजगी का माहौल है।

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