राहुल परमार, देवास। जिले में शिक्षा विभाग ने कड़ा कदम उठाते हुए 87 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी है। यह कार्रवाई उन स्कूलों के खिलाफ की गई है जिन्होंने मान्यता प्राप्त करने के लिए फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए, गलत जानकारियां दीं और बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी भी की।

अयोग्य शिक्षक कार्यरत और भवन मानक के अनुरूप नहीं

इस वर्ष जिले के लगभग 800 निजी स्कूलों ने मान्यता/नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था। जांच के दौरान पाया कि कई स्कूलों में अयोग्य शिक्षक कार्यरत थे। भवन मानक के अनुरूप नहीं और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी। कई स्कूलों ने पुराने फोटो, अपूर्ण जानकारी और भ्रमित दस्तावेज के सहारे मान्यता प्राप्त करने का प्रयास किया। कलेक्टर ऋतुराज सिंह के निर्देश पर डीपीसी अजय कुमार मिश्र द्वारा जांच कराई गई। जांच के पश्चात दोषी पाए गए 87 स्कूलों की मान्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई।

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संचालन करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी

इन स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए शिक्षा विभाग ने उन्हें निकटवर्ती शासकीय विद्यालयों में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। स्कूलवार सूची तैयार कर समायोजन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। कुछ स्कूलों ने कलेक्टर के समक्ष अपील की थी, लेकिन उन अपीलों को भी निरस्त कर दिया गया। डीपीसी ने स्पष्ट किया कि यदि कोई भी स्कूल मान्यता रद्द होने के बावजूद संचालन करता पाया गया तो उसके विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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