पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। अकलवारा हाई स्कूल के प्रभारी प्राचार्य जेपी वर्मा को छात्राओं से अभद्रता और अनुचित शारीरिक व्यवहार (बैड टच) के गंभीर आरोपों के चलते मंगलवार को छुरा पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। यह कार्रवाई उन आरोपों के बाद की गई है, जिनमें छात्राओं ने प्राचार्य पर फेल करने की धमकी देकर शारीरिक रूप से छूने जैसे गंभीर कृत्य करने का आरोप लगाया था।

गेट में ताला जड़कर जताया गया था विरोध, शिक्षा विभाग पर आरोप दबाने का आरोप
5 जुलाई को अकलवारा हाई स्कूल में छात्राओं और उनके पालकों ने स्कूल गेट पर ताला जड़ दिया था और जेपी वर्मा को तत्काल हटाने तथा कार्रवाई की मांग की थी। प्रदर्शन के दौरान छात्राओं ने बताया कि प्राचार्य लंबे समय से उनका मानसिक उत्पीड़न कर रहे थे और कई बार अनुचित तरीके से छूने की घटनाएं हुईं। विरोध करने पर उन्हें फेल कर देने की धमकी दी जाती थी।

इस प्रदर्शन ने प्रदेश भर के शिक्षा जगत को हिलाकर रख दिया था। शुरुआत में शिक्षा विभाग ने मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन जब छात्राओं के बयान मीडिया में सामने आए, तब पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा ने संज्ञान लेते हुए अलग जांच टीम गठित की। जांच में छात्राओं के बयान के आधार पर ‘बेड टच’ की पुष्टि हुई।

गंभीर धाराओं में केस दर्ज, एससी-एसटी एक्ट और पोक्सो की भी धाराएं शामिल
छुरा थाना में जेपी वर्मा के खिलाफ 75(2)(B) BNS, 12 पोक्सो एक्ट, और 3(2)(va) SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। मंगलवार को गिरफ्तारी के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। मामले की पुष्टि एडिशनल एसपी जितेंद्र चंद्राकर ने की है।
विरोध के पीछे फेल करने की धमकी, पहले भी कर चुके थे शिकायत
प्राचार्य जेपी वर्मा के खिलाफ छात्राओं की नाराजगी कोई नई नहीं थी। कई छात्राओं ने पहले भी उनके व्यवहार को लेकर आपत्ति जताई थी, लेकिन जब 11वीं कक्षा की चार छात्राओं को मनमाने तरीके से फेल कर दिया गया, तो मामला गरमाया। रिकॉर्ड में अंक होने के बावजूद छात्राओं को फेल करने की बात जांच में भी सामने आई। इसी अन्याय के विरोध में छात्रों और पालकों ने प्रदर्शन किया था।
कभी ‘सिटी बजाकर पढ़ाने वाले’ प्राचार्य, अब आरोपों से घिरे
गौरतलब है कि एक समय पर जेपी वर्मा अपने अलग अंदाज़ के लिए चर्चा में थे। करीब 7-8 साल पहले वे छात्रों को सुबह 4 बजे ‘सिटी’ बजाकर पढ़ाई के लिए जगाते थे। उनके प्रयासों से परीक्षा परिणाम भी बेहतर आने लगे थे। हालांकि, समय के साथ यह सिलसिला बंद हो गया। आज वही प्राचार्य गंभीर आरोपों के घेरे में हैं।
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