मनोज यादव, कोरबा। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयसिंह अग्रवाल को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करने को लेकर कलेक्टर अजीत वसंत मंगलवार को एक नोटिस जारी किया। जिसके बाद आज नोटिस को लेकर जयसिंह अग्रवाल का बयान सामने आया है। उन्होंने कलेक्टर पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मैं उनका चपरासी नहीं हूं। न ही उनका मातहत अधिकारी हूं जो उनकी बात मानूंगा। वहीं कलेक्टर ने कहा कि जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी कलेक्टर की होती है।

जयसिंह अग्रवाल का बयान

जयसिंह अग्रवाल ने कलेक्टर की ओर से जारी नोटिस को लेकर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कलेक्टर को आदेश देने का अधिकार नहीं है। उनको आदेशित करने का अधिकार नहीं है। सिर्फ आपको निर्देशित किया जाता है। क्योंकि मैं न तो कलेक्टर का चपरासी हूं और न मैं कोई कलेक्टर का मातहत अधिकारी हूं।

उन्होंने आगे कहा कि जैसे एक बड़े अधिकारी जो कलेक्टर लोग नोटिस देते हैं कि इस काम को करें अन्यथा आपके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी या आपको सस्पेंड कर दिया जाएगा। तो मुझे न तो उसको सस्पेंड करने का अधिकार है क्योंकि मैं कोई गवर्नमेंट सर्वेंट तो नहीं हूं। वह लोकसेवक है, जनसेवक है तो उनको अपने दायरे में रहकर काम करना चाहिए।

इसके साथ ही जय सिंह ने कहा कि मैंने अपना पूरा जीवन कोरबा में बिताया है। कलेक्टर तो कोई भी हो, वह आएगा जाएगा। जितने दिन गवर्नमेंट रखेगी रहेगा और अपना काम करेगा और चले जाएगा। हमको तो यहीं कोरबा में रहना है।

कलेक्टर का बयान

पूर्व मंत्री के बयान के बाद कलेक्टर अजीत वसंत ने कहा कि शासन के निर्देशानुसार जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी कलेक्टर की होती है। अगर किसी व्यक्ति के किसी कार्य या शब्दों से कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने की संभावना होती है, तो उसे नोटिस जारी किया जाता है।

क्या है पूरा मामला?

14 जुलाई 2025 को जयसिंह अग्रवाल ने अपने फेसबुक अकाउंट से एक तस्वीर साझा की थी, जिसमें ननकीराम कंवर खड़े नजर आ रहे हैं, जबकि कलेक्टर अजीत वसंत और राज्यपाल रमेन डेका बैठे हुए दिख रहे हैं। इस पोस्ट में जयसिंह अग्रवाल ने लिखा कि छत्तीसगढ़ के वरिष्ठतम आदिवासी नेता का अपमान बहुत ही कष्टप्रद है। छत्तीसगढ़ के वरिष्ठतम आदिवासी नेता, पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर खड़े हैं, जबकि राज्यपाल रमेन डेका के साथ कलेक्टर अजीत बसंत बैठे हुए हैं। यह जान और सुनकर अत्यंत पीड़ा हुई।

कलेक्टर ने पोस्ट डिलीट करने के दिए निर्देश

जयसिंह अग्रवाल के इस पोस्ट पर मंगलवार को कलेक्टर अजीत वसंत ने आपत्ति जताते हुए इसे दुर्भावनापूर्ण तरीके से प्रचारित-प्रसारित करना बताया है। उन्होंने नोटिस में कहा है कि जयसिंह अग्रवाल द्वारा 14 जुलाई 2025 को फेसबुक पर एक छवि पोस्ट की गई है। उक्त पोस्ट के संबंध में वस्तुस्थिति यह है कि उक्त कक्ष में पूर्व मंत्री ननकी राम कंवर के बैठक के लिए पूर्व निर्धारित व्यवस्था थी। ननकी राम कंवर के कक्ष में प्रवेश करते ही मेरे (कलेक्टर) द्वारा उनका अभिवादन किया गया, जिसकी पुष्टि की जा सकती है। उसके पश्चात् वे अपने लिए निर्धारित स्थान पर बैठे। उक्त तस्वीर तब ली गई है, जब वे ज्ञापन देने के लिए कुछ देर के लिए खड़े हुए थे।

यह स्पष्ट है कि आपके (जयसिंह अग्रवाल) द्वारा उक्त तस्वीर को दुर्भावनापूर्ण तरीके से प्रचारित-प्रसारित किया गया है। आपका यह कृत्य सामाजिक वर्गों के बीच विद्वेष फैलाने की मंशा रखता है। साथ ही शासन और प्रशासन की छवि धूमिल कर आम नागरिकों के मन में असंतोष की भावना को जन्म देने के लिए लक्षित है।

इसलिए आपको निर्देशित किया जाता है कि उक्त पोस्ट को तत्काल डिलीट करें। ऐसा न करने की दशा में आम नागरिकों के मन में शासन और प्रशासन के प्रति असंतोष की भावना उत्पन्न होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है, जो कि भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत एक दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है।