मुंबई. सरकारी बैंकों के मर्जर की प्रक्रिया के तहत आगे देश के बड़े सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में जल्द ही 3 छोटे बैंकों को विलय हो सकता है. रॉयटर्स के मुताबिक पीएनबी अगले तीन महीने में 3 छोटे सरकारी बैंकों का विलय कर सकता है. इन बैंकों में ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC), आंध्रा बैंक और इलाहाबाद बैंक शामिल है.
बता दें कि इससे पहले, बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय हुआ था. विजया बैंक और देना बैंक के विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन गया है. वहीं, एसबीआई में 5 सहयोगी बैंकों का मर्जर हो चुका है.
बैंक मर्जर का क्या है उदेश्य
सरकार का उदेश्य है कि बैंकों के मर्जर से जहां घाटे में चल रहे बैंकों की बैलेंसशीट सुधारने में मदद मिलेगी. वहीं, मर्जर से बैंकों की परिचालन क्षमता और ग्राहक सेवा में सुधार लाने में मदद मिलेगी. सरकार का उद्देश्य है कि सरकारी बैंकों की संख्या कम कर उनकी वित्तीय क्षमता को बढ़ाना और संकट ग्रस्त खातों में कमी लाना है.
Merger: ग्राहकों पर असर
इलाहाबाद बैंक, OBC, और आंध्र बैंक का पीएनबी में विलय होता है तो खाताधारकों पर कोई खास असर नहीं होगा. हालांकि, खाताधारकों के लिए थोड़ा कागजी काम बढ़ेगा. मसलन विलय के बाद इलाहाबाद बैंक, OBC, और आंध्र बैंक के खाताधारकों को नए चेकबुक, पासबुक बनवाने होंगे. एटीएम और पासबुक नए सिरे से अपडेट कराना होगा.
लोन पर पहले की तरह रहेगा ब्याज
अगर आपने किसी बेंक से लोन ले रखा है तो उस पर ईएमआई पहले की तरह ही जारी रहेगी, उसमें कोई बदलाव नहीं होगा. जब कोई बैंक किसी दूसरे बैंक में मर्ज होता है तो लोन अमाउंट उस बैंक में ट्रांसफर हो जाता है और मौजूदा ब्याज दर ही उस पर अप्लाई होती है.