मुजफ्फरपुर। नगर निगम की मेयर निर्मला देवी एक नए विवाद में घिर गई हैं। बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा लगाए गए दो वोटर आईडी रखने के आरोप के बाद निर्वाचन आयोग ने सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने मेयर को नोटिस जारी करते हुए 16 अगस्त तक जवाब देने का निर्देश दिया है। तेजस्वी यादव ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि मेयर निर्मला देवी के पास एक ही विधानसभा क्षेत्र में दो EPIC (Electors Photo Identity Card) हैं। यह दावा चुनावी नियमों का सीधा उल्लंघन माना जा रहा है, क्योंकि एक व्यक्ति एक ही विधानसभा क्षेत्र में एक से अधिक बार वोटर सूची में नाम नहीं रख सकता।

चुनाव आयोग के संज्ञान में आया

तेजस्वी के इस बयान के बाद मामला चुनाव आयोग के संज्ञान में आया। आयोग ने प्राथमिक जांच के बाद निर्मला देवी को नोटिस जारी किया है, जिसमें उनसे पूछा गया है कि आखिर कैसे उनके नाम पर एक ही क्षेत्र में दो मतदाता पहचान पत्र जारी हुए। आयोग ने स्पष्ट किया है कि अगर 16 अगस्त तक संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया, तो उनके खिलाफ कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई की जा सकती है। इसमें एक मतदाता सूची से नाम हटाने, या गलत जानकारी देने के लिए सख्त कदम शामिल हो सकते हैं।

हलचल तेज हो गई है

इस घटनाक्रम के बाद मुजफ्फरपुर की सियासत में हलचल तेज हो गई है। मेयर के समर्थक इस पूरे मामले को राजनीतिक साजिश बता रहे हैं, जबकि विपक्ष इसे चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करने वाला गंभीर मामला मान रहा है।

कौन हैं निर्मला देवी?

निर्मला देवी (साहू) मुजफ्फरपुर नगर निगम की वर्तमान मेयर हैं। वे भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व महासचिव रह चुकी हैं और सामाजिक तथा राजनीतिक गतिविधियों में वर्षों से सक्रिय रही हैं। दिसंबर 2022 में हुए नगर निगम चुनाव में उन्होंने 35,777 वोट पाकर मेयर पद पर जीत हासिल की थी। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी राकेश कुमार को 25,459 वोट मिले थे और वे करीब 10,000 वोटों से विजयी रहीं। उनकी जीत के साथ मुजफ्फरपुर में पहली बार मेयर और डिप्टी मेयर दोनों पदों पर महिलाएं चुनी गईं। डॉ. मोनालिसा उपमहापौर बनीं। निर्मला देवी की छवि एक जमीनी नेता के रूप में रही है।

क्या होगा आगे?

अब सभी की निगाहें 16 अगस्त पर टिकी हैं। यदि निर्मला देवी आयोग को ठोस स्पष्टीकरण नहीं दे पातीं, तो यह मामला उनके राजनीतिक करियर के लिए बड़ी मुश्किल बन सकता है। वहीं, यदि आरोप झूठे साबित होते हैं, तो यह विपक्ष के लिए एक बड़ा झटका होगा।

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