नई दिल्ली। मोदी सरकार ने 20-21 अगस्त 2025 को होने वाले संभावित मिसाइल परीक्षण के लिए नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) की सीमा बढ़ा दी है. अद्यतन अधिसूचना में हिंद महासागर क्षेत्र में लगभग 2,530 किलोमीटर तक खतरे के क्षेत्र को बढ़ा दिया है, जिसकी शुरुआत बालासोर और अब्दुल कलाम द्वीप सहित ओडिशा तट पर प्रक्षेपण स्थलों से होती है.
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यह ध्यान देने योग्य है कि यह संशोधन 12 अगस्त को किया गया था और यह पिछले अनुमानों से वृद्धि दर्शाता है, जिससे परीक्षणों के दौरान विमानन और समुद्री यातायात की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित होती है. रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि विस्तारित सीमा को देखते हुए इसमें अग्नि-6 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) या एक हाइपरसोनिक संस्करण जैसी उन्नत प्रणालियों का परीक्षण शामिल हो सकता है.

यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि यह कदम रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा मिसाइल क्षमताओं को बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के अनुरूप है. उन्नत मिसाइल क्षमताओं के लिए भारत का प्रयास उसके रक्षा आधुनिकीकरण अभियान और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल का एक केंद्रीय हिस्सा है.
पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने अग्नि-V जैसी लंबी दूरी की प्रणालियों के सफल परीक्षण किए हैं, जिनकी मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर से अधिक है. यह नवीनतम परीक्षण एशिया में विकसित हो रही रणनीतिक गतिशीलता, विशेष रूप से चीन और पाकिस्तान की बढ़ती मिसाइल क्षमताओं के संदर्भ में महत्वपूर्ण है.
सीमा और प्रदर्शन को बढ़ाकर, भारत अपनी निवारक स्थिति को मज़बूत करना, द्वितीय-आक्रमण क्षमता को बढ़ाना और पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी परिचालन पहुँच का विस्तार करना चाहता है.
क्या होता है NOTAM
NOTAM लाइव-फायर परीक्षणों के दौरान बचने वाले क्षेत्रों को चिह्नित करके नागरिक हवाई और समुद्री यातायात की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जारी किए जाते हैं.
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