लखनऊ। जगदगुरु रामाभद्राचार्य का संत प्रेमानंद महाराज को लेकर दिए गए बयान पर साधु-संतों में नई बहस छिड़ गई है। रामाभद्राचार्य के बयान पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि संस्कृत में ही दिनभर भगवान के नाम का उच्चारण कर रहे हैं। अगर आपको दिखाई नहीं देता तो क्या सुनाई भी नहीं देता है। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
भगवान का नाम किस भाषा में है? स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने दी तीखी प्रतिक्रिया
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि भगवान का नाम किस भाषा में है? जो दिन भर राधे-राधे, कृष्ण-कृष्ण, हे गोविंद, हे गोपाल बोल रहे हैं और लोगों को प्रेरित कर रहे हैं कि नाम का स्मरण करो, वो हमें बताएं कि भगवान का नाम ये राधे-राधे, कृष्ण-कृष्ण, ये गोविंद-गोविंद, गोपाल-गोपाल किस भाषा के शब्द हैं। क्या ये संस्कृत भाषा के शब्द नहीं है। वो दिन भर संस्कृत ही तो बोल रहा है और क्या बोल रहा है। आपको नहीं दिखाई देता, लगता है आपको सुनाई भी नहीं देता।
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बता दें कि जगदगुरू रामभद्राचार्य ने एक पॉडकास्ट में प्रेमानंद महाराज को संस्कृत का एक अक्षर बोलने का चैलेंज दिया था। रामभद्राचार्य ने एक पॉडकास्ट में अपनी बात रखते हुए कहा था कि मैं चैलेंज करता हूं कि प्रेमानंद संस्कृत का एक भी अक्षर बोलकर दिखा दें या फिर मेरे श्लोकों का अर्थ समझा दें तो मैं उन्हें चमत्कारी मान लूंगा। उनके इस बयान पर बवाल मच गया और उसके बाद उन्होंने इस पर सफाई दी और कहा कि मैंने कोई अभद्र टिप्पणी नहीं की है।
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