पटना। बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है। विधानसभा चुनाव करीब आते ही एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के भीतर सीट शेयरिंग को लेकर महीनों से चल रही बातचीत अब लगभग अंतिम चरण में पहुंच गई है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हालिया दिल्ली दौरे के दौरान सीट बंटवारे पर सहमति बन गई है। हालांकि, इसकी आधिकारिक घोषणा जल्द की जाएगी।

कितनी सीटें किसे?

जानकारी के अनुसार, एनडीए के तहत जदयू को 102 सीटें और भाजपा को 101 सीटें दी गई हैं। वहीं सहयोगी दलों में एलजेपी (रामविलास) को 20, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को 10 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) को 10 सीटें मिली हैं। हालांकि किन विधानसभा क्षेत्रों से कौन उतरेगा, इसका खुलासा औपचारिक ऐलान के वक्त होगा।

पिछली बार की तुलना में कम सीटें

2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 110 और जदयू ने 115 सीटों पर चुनाव लड़ा था। भाजपा ने 74 और जदयू ने 43 सीटें जीती थीं। इस बार दोनों दल कम सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं ताकि सहयोगी दलों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिल सके और गठबंधन की एकता बनी रहे।

नीतीश की ‘बड़े भाई’ वाली भूमिका

इस बार जदयू को भाजपा से एक सीट ज्यादा दी गई है। यह संदेश देता है कि राज्य स्तर पर नीतीश कुमार गठबंधन का नेतृत्व करेंगे। लोकसभा 2024 में भाजपा ने 17 और जदयू ने 16 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन विधानसभा चुनाव में समीकरण बदले हुए हैं। नीतीश का अनुभव और रणनीतिक भूमिका एनडीए के कैंपेन में अहम होगी।

संख्या बल में एनडीए मजबूत

बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में बहुमत के लिए 122 की जरूरत होती है। वर्तमान में एनडीए के पास 131 विधायकों का समर्थन है जबकि विपक्ष के पास 112 सीटें हैं। ऐसे में एनडीए पहले से ही मजबूत स्थिति में दिख रहा है।