शिवम मिश्रा, रायपुर. CGPSC घोटाला मामले में सीबीआई ने आज पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, पीएससी के सचिव रहे पूर्व आईएएस जीवनलाल ध्रुव समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर सीबीआई की विशेष कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने पांचों आरोपियों को तीन दिन यानि 22 सितंबर तक के लिए CBI रिमांड पर भेजा. आरोपियों से CBI पूछताछ करेगी, जिसमें बड़े खुलासे हो सकते हैं.


इससे पहले 7 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
सीजीपीएससी घोटाले में सीबीआई ने आज लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक रही आरती वासनिक, पीएससी के सचिव रहे पूर्व आईएएस जीवनलाल ध्रुव और उनके बेटे सुमित ध्रुव समेत निशा कोसले, दीपा आदिल को गिरफ्तार किया था. इससे पहले 7 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. सीबीआई ने 18 नवंबर को तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर एंड इस्पात के तत्कालीन निदेशक श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया था. इसके बाद 10 जनवरी को पांच और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें नितेश सोनवानी (तत्कालीन अध्यक्ष के भतीजे, डिप्टी कलेक्टर के रूप में चयनित) और ललित गणवीर (तत्कालीन डिप्टी परीक्षा नियंत्रक, सीजीपीएससी) शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, 12 जनवरी को शशांक गोयल और भूमिका कटियार (दोनों डिप्टी कलेक्टर पद के लिए चयनित) और साहिल सोनवानी (डिप्टी एसपी पद के लिए चयनित) को गिरफ्तार किया गया. वर्तमान में सभी आरोपी जेल में बंद हैं.
जानें क्या है सीजीपीएससी घोटोला
सीजीपीएससी घोटाला छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की भर्ती प्रक्रिया में 2020 से 2022 के बीच हुई अनियमितताओं से जुड़ा मामला है. आरोप है कि इस दौरान आयोजित परीक्षाओं और साक्षात्कारों में योग्य अभ्यर्थियों की उपेक्षा कर, प्रभावशाली राजनेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के करीबियों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी तथा अन्य उच्च पदों पर चयनित किया गया. इस घोटाले ने प्रदेश की भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े किए. छत्तीसगढ़ सरकार के अनुरोध पर इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपी गई. जांच एजेंसी ने छापेमारी कर कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ बरामद किए और पूर्व अध्यक्ष तमन सिंह सोनवानी, तत्कालीन उप परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया. वर्तमान में यह मामला न्यायिक प्रक्रिया में है.
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