अमृतसर. जालंधर से कांग्रेस सांसद और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को एक बार फिर कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित संसदीय स्थायी समिति का अध्यक्ष चुना गया है। यह दूसरी बार है जब उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनकी नियुक्ति का कारण किसानों और कृषि मजदूरों के हित में उनकी ओर से दी गई रिपोर्ट्स और सिफारिशें है।
चन्नी ने पहले भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, पराली प्रबंधन पर मुआवजा और किसान निधि योजना में खेत मजदूरों को शामिल करने की सिफारिश की थी। इस समिति में लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सदस्य शामिल होंगे, जिसमें बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल भी हैं।

समिति का क्या है काम ?
कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित स्थायी समिति संसद की सबसे महत्वपूर्ण समितियों में से एक है। यह समिति कृषि नीतियों और योजनाओं पर नजर रखती है, साथ ही सरकार के कृषि प्रस्तावों, मंत्रालय की रिपोर्ट और नीति दस्तावेजों का अध्ययन कर अपनी सिफारिशें संसद को सौंपती हैं।
यह समिति संबंधित मंत्रालयों और विभागों की अनुदान मांगों की समीक्षा करती हैं और बिलों की जांच करती है, और वार्षिक रिपोर्ट के आधार पर संसद में सुझाव प्रस्तुत करती है। इसके अलावा, लंबी अवधि की योजनाओं पर विचार और उनकी रिपोर्ट देना भी इस समिति के अधिकार क्षेत्र में आता है।
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