शरद पूर्णिमा जिसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है, आज है. ज्योतिष के अनुसार यह दिन चंद्रमा के पूर्ण प्रभाव का होता है और इसी कारण इसे चंद्र दोष निवारण के लिए अत्यंत शुभ माना गया है. जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर है या मानसिक अस्थिरता, नींद की कमी और भावनात्मक उतार-चढ़ाव जैसी समस्याएं हैं, उन्हें इस दिन विशेष उपाय जरूर करने चाहिए.

चंद्र दोष का संबंध मन, भावनाओं और मानसिक शांति से जुड़ा है. जब चंद्रमा अशुभ ग्रहों के प्रभाव में आ जाता है तो व्यक्ति में नकारात्मकता, असंतोष और भ्रम की स्थिति बनी रहती है. शरद पूर्णिमा की रात में चंद्र किरणों में विशेष औषधीय शक्ति होती है, इसलिए इस दिन किए गए उपाय शीघ्र फल देते हैं.
ज्योतिषीय उपाय
पहला- रात 12 बजे के बाद खुले आकाश में रखे दूध में चांदनी पड़ने दें और अगली सुबह वह दूध पी लें. यह मानसिक संतुलन बढ़ाता है.
दूसरा- चांदी का चंद्र यंत्र बनवाकर पूजा स्थान में स्थापित करें, इससे चंद्र दोष शांत होता है.
तीसरा- ‘ॐ सोम सोमाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें, यह चंद्र देव की कृपा पाने का सरल उपाय है.
चौथा- गौदान या सफेद वस्त्र, चावल, शक्कर जैसी चंद्र से संबंधित वस्तुओं का दान करें.
पांचवां- रात में चंद्रमा का ध्यान करते हुए ध्यान या मौन साधना करें, जिससे मन को स्थिरता मिलती है.
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात को अमृत वर्षा का योग बनता है. इस दिन चंद्र दोष से मुक्ति पाने वाले व्यक्ति के जीवन में मानसिक शांति, पारिवारिक सुख और आर्थिक स्थिरता आती है. इसलिए इस वर्ष शरद पूर्णिमा केवल एक पर्व नहीं, बल्कि मन और आत्मा के संतुलन का दिव्य अवसर है.