CM Majhi Tribute to Gopabandhu Das: भुवनेश्वर. ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव तथा प्रवती परिडा ने उत्कलमणि पंडित गोपबंधु दास की जयंती पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की. गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम में सभी ने उनके देश के प्रति समर्पण और समाज सुधार के योगदान को याद किया.
मुख्यमंत्री माझी ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर लिखा कि पंडित गोपबंधु दास का गहरा देशप्रेम, समाज सुधार के प्रति अटूट समर्पण और शिक्षा, साहित्य व पत्रकारिता में उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा. उन्होंने कहा, “उत्कलमणि पंडित गोपबंधु दास की जयंती पर मैं उन्हें नमन करता हूं. वे न केवल एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि ओडिशा राज्य के गठन में अहम भूमिका निभाने वाले दूरदर्शी नेता और निःस्वार्थ सेवा के प्रतीक थे. उनका देशप्रेम और त्याग हम सबके लिए प्रेरणा है.”
Also Read This: Weather Update : 10 अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने की संभावना, मछुआरों और तटीय राज्यों के लिए अलर्ट

Also Read This: Odisha News : कटक हिंसा मामले में 83 युवक गिरफ्तार, AI से सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच जारी
CM Majhi Tribute to Gopabandhu Das. उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव ने भी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि गोपबंधु दास का त्याग, सेवा और ओडिया भाषा व भूमि के लिए संघर्ष हमेशा याद रखा जाएगा. उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “उत्कलमणि पंडित गोपबंधु दास की जयंती पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि. वे ओडिया मिट्टी का गौरव और स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी थे. उनका योगदान हर ओडिया के दिल में हमेशा जीवित रहेगा.”
Also Read This: Odisha News: कटक में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद
प्रवती परिडा ने भी उन्हें करोड़ों नमन करते हुए कहा कि पंडित गोपबंधु दास स्वतंत्रता आंदोलन के महान सेनानी, सच्चे राष्ट्रवादी, समाज सुधारक और विशिष्ट साहित्यकार थे. उन्होंने ‘समाज’ अखबार और सत्यवादी बन विद्यालय जैसी कई संस्थाओं की स्थापना की थी.
गौरतलब है कि पंडित गोपबंधु दास का जन्म 9 अक्टूबर 1877 को पुरी जिले के भर्गभी नदी के तट पर बसे सुंआदो गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम दैतारी दास और माता का नाम स्वर्णमयी देवी था. उन्होंने 1904 में रेवेंसॉ कॉलेज से बी.ए. की डिग्री प्राप्त की और 1906 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से एम.ए. व एलएलबी की डिग्री हासिल की.
गोपबंधु दास गरीब और वंचित लोगों के कल्याण के लिए समर्पित रहे. वे 1917 से 1921 के बीच बिहार और ओडिशा विधान परिषद के सदस्य रहे और जनता के अधिकारों के लिए निरंतर आवाज उठाते रहे.
उन्होंने बाढ़, सूखा और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों की मदद के लिए कई योजनाएं शुरू कीं. साथ ही अशिक्षा, गरीबी और बीमारियों जैसी सामाजिक चुनौतियों से लड़ने के लिए जनजागरण अभियान भी चलाया.
CM Majhi Tribute to Gopabandhu Das. पत्रकारिता और सामाजिक संवाद के क्षेत्र में भी उन्होंने नई राह दिखाई. 4 अक्टूबर 1919 को उन्होंने ओडिया अखबार ‘द समाज’ की स्थापना की, जो आगे चलकर ओडिशा में सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन की आवाज बना.
Also Read This: राष्ट्रीय आयोग की अध्यक्ष बनकर ठगी करने वाले दो जालसाज भुवनेश्वर में गिरफ्तार!
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें