Ahoi Ashtami 2025 : इस साल अहोई अष्टमी व्रत 2025 आज यानी 13 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. यह व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. माताएं इस दिन अपनी संतान की सुख-समृद्धि, दीर्घायु और मंगलकामना के लिए निर्जला उपवास रखती हैं. शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत का पालन करने से संतान के जीवन में खुशहाली और तरक्की आती है.

इस बार अहोई माता की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:53 से 7:08 बजे तक रहेगा. पूजा के बाद माताएं तारे निकलने पर अर्घ्य देकर व्रत का पारण करेंगी.

अहोई अष्टमी पूजा विधि

अहोई अष्टमी की पूजा संतान वाली महिलाएं या संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाली महिलाएं करती हैं. दीवार पर अहोई माता और स्याऊ (साहीन) का चित्र बनाकर या छपा हुआ चित्र लगाकर पूजा की जाती है.

  • पूजन के समय दीवार पर चौक बनाकर एक लोटे में जल और कलश रखकर अहोई माता की विधिवत पूजा करें.
  • पूजा के बाद अहोई माता की कथा सुनी जाती है.
  • चांदी की अहोई स्याऊ की माला गले में पहनने का विशेष महत्व है.
  • व्रत पूरा होने के बाद माताएं चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं और संतान की लंबी उम्र की कामना करती हैं.

Ahoi Ashtami 2025 के दिन भूलकर भी न करें ये 5 काम

  1. मन में नकारात्मक विचार या किसी की बुराई न करें.
  2. मिट्टी, चाकू, सुई, कैंची आदि से संबंधित कार्य न करें.
  3. सूर्योदय से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें.
  4. व्रत के दिन दूध का सेवन न करें, केवल तारा दर्शन के बाद ही व्रत तोड़ें.
  5. किसी पशु या गाय को नुकसान न पहुंचाएं — उन्हें गुड़ या चारा खिलाना शुभ माना गया है.

 तारे निकलने का समय

अहोई अष्टमी 2025 पर तारे शाम 7:32 बजे निकलेंगे. इसके बाद माताएं अर्घ्य देकर व्रत का समापन करेंगी और संतान की दीर्घायु की प्रार्थना करेंगी.

इस पावन व्रत के बारे में कहा जाता है कि अहोई माता की कृपा से घर में सुख-शांति, संतान की रक्षा और समृद्धि बनी रहती है.