सारण। छपरा-गोरखपुर रेलखंड के एकमा रेलवे स्टेशन पर सोमवार सुबह करीब 9 बजे एक बड़ा रेल हादसा होते-होते टल गया। सीतामढ़ी से आनंद विहार टर्मिनल जा रही लिच्छवी एक्सप्रेस (14005) जैसे ही एकमा स्टेशन पहुंची उसके AC कोच से अचानक धुआं निकलता दिखा। यह नजारा देखते ही यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई लोग अपनी सीटें छोड़कर जल्दबाजी में प्लेटफॉर्म पर उतरने लगे। कुछ ही मिनटों में स्थिति पूरी तरह से तनावपूर्ण हो गई लेकिन मौके पर मौजूद रेलवे कर्मियों और स्थानीय लोगों की सतर्कता ने हालात को नियंत्रण में ला दिया। समय रहते फायर एक्सटिंग्विशर की मदद से आग पर काबू पा लिया गया और कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। जानकारी के अनुसार दाउदपुर स्टेशन अधीक्षक ने एकमा के स्टेशन मास्टर जितेंद्र कुमार को पहले ही फोन पर सूचित कर दिया था कि ट्रेन की दो बोगियों से धुआं उठता दिख रहा है। सूचना मिलते ही एकमा स्टेशन पर रेलवे की टीम अलर्ट हो गई। ट्रेन जैसे ही प्लेटफॉर्म पर पहुंची B-2 कोच से धुआं उठता देखा गया। इसके बाद तुरंत एक्शन लेते हुए रेल कर्मियों जीआरपी और ट्रेन मैनेजर ने मिलकर आग को फैलने से रोक दिया। करीब 35 मिनट तक ट्रेन एकमा स्टेशन पर खड़ी रही जिसके बाद तकनीकी जांच के बाद ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया गया।

आग नहीं इस कारण से उठ रहा था धुआं

स्टेशन मास्टर जितेंद्र कुमार के अनुसार कोच में आग नहीं लगी थी, बल्कि ब्रेक सिस्टम में जाम होने की वजह से ज्यादा गर्मी उत्पन्न हुई थी। इसमें प्लास्टिक और रबड़ के हिस्से घिसने से धुआं निकला जिससे ऐसा लगा जैसे आग लगी हो। उन्होंने कहा कि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और कोई खतरे की बात नहीं है। इस घटना से यात्रियों में भय का माहौल बन गया। एक यात्री ने बताया कि जैसे ही किसी ने कहा कि AC बोगी में आग लग गई लोग बच्चों और सामान के साथ प्लेटफॉर्म पर भागने लगे। कुछ यात्रियों ने तो डर की वजह से आगे की यात्रा रद्द कर दी और दोबारा ट्रेन में चढ़ने से मना कर दिया।

मामले की जांच के दिए आदेश

रेलवे प्रशासन की मुस्तैदी और कर्मचारियों की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया। यदि ट्रेन चलती हालत में होती और आग फैल जाती तो स्थिति बेहद गंभीर हो सकती थी। फिलहाल रेलवे ने पूरी बोगी की तकनीकी जांच के आदेश दे दिए हैं।