शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस के ट्रेनिंग सेंटर्स में नेक और अनुशासित जीवन की प्रेरणा देने के लिए अब भगवद्गीता का पाठ भी कराया जाएगा। पुलिस मुख्यालय ने प्रदेश के सभी आठ ट्रेनिंग सेंटर्स को यह निर्देश जारी कर दिया है। इससे पहले जुलाई में रामचरितमानस का पाठ शुरू कराया गया था।
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एडीजी (प्रशिक्षण) राजा बाबू सिंह ने सभी ट्रेनिंग स्कूलों के अधीक्षकों को संदेश भेजा है कि भगवद्गीता हमारा शाश्वत ग्रंथ है। इसका नियमित अध्ययन सही जीवन जीने की कला सिखाएगा और उनका जीवन बेहतर बनेगा। अगर संभव हो तो पवित्र मार्गशीर्ष माह में रात में ध्यान से पहले गीता का कम से कम एक अध्याय पढ़वाया जाए।
राजा बाबू सिंह ने इससे पहले जुलाई 2025 में नए आरक्षकों की ट्रेनिंग शुरू होने पर रामचरितमानस का सामूहिक पाठ कराने के निर्देश दिए थे। तब कई घर के पास ट्रेनिंग सेंटर बदलने की मांग पर भगवान राम के 14 साल के वनवास का उदाहरण देकर प्रेरणा दी गई थी।
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प्रदेश के आठ पुलिस ट्रेनिंग सेंटर्स (रीवा, उमरिया, पचमढ़ी, इंदौर, उज्जैन, भौंरी-भोपाल, तिघरा-ग्वालियर और सागर) में करीब 4 हजार पुरुष-महिला नवआरक्षक 9 महीने की बेसिक ट्रेनिंग ले रहे हैं। धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन से रंगरूटों में अनुशासन, चरित्र निर्माण, कर्तव्यनिष्ठा और नेक जीवन की भावना मजबूत करने का प्रयास है।
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