शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश में संविदा कर्मचारियों को अब नियमित परीक्षा देनी होगी। जिसमें उन्हें 50 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य रहेगा। इसे लेकर विभागीय आदेश भी जारी हो गए हैं। जिसका संविदा कर्मचारी संगठनों ने विरोध किया है। वहीं इस मामले को लेकर सियासत भी तेज हो गई है।
सौतेला व्यवहार करने का आरोप
संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर ने सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘संविदा कर्मचारियों को सेवा कार्य का लंबा अनुभव है। फिर परीक्षा की नीति पूरी तरह गलत है। नए अभ्यर्थियों से परीक्षा की प्रतिस्पर्धा संभव नहीं। लंबे समय से सेवाएं दे रहे संविदा कर्मचारियों पर पारिवारिक दायित्व है। सरकार इस नीति को वापस ले। कर्मचारी आंदोलन भी करेंगे और न्यायालय की भी शरण लेंगे।’

कांग्रेस बोली- मंत्रियों और विधायकों की होनी चाहिए काबिलियत की परीक्षा
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर विक्रम चौधरी ने कहा कि मंत्रियों और विधायकों की काबिलियत की परीक्षा होनी चाहिए। यह परिस्थितिवश बेहद जरूरी है। उनके कामकाज और निर्णय लेने की क्षमताओं का भी आकलन होना जरूरी है। लेकिन सरकार यह नहीं करती। सरकार गलत नीतियों के आदेश संविदा कर्मचारियों पर थोपती है। 15 – 20 साल से सेवाएं दे रहे हैं। जिनकी उम्र संविदा में काम करते-करते 50 साल से अधिक हो गई है, उनसे आप परीक्षा लेंगे यह कैसा इंसाफ और कैसी नीति है? फिर इसमें अनेक प्रशासनिक विसंगतियां सामने आना भी तय है।’
‘घपले और घोटालों के मामले हमारे सामने’
उन्होंने आगे कहा, ‘सरकार जो रेगुलर परीक्षाएं लेती है उनको तो आज तक निष्कंटक और सुचारू रूप से संपन्न नहीं करवा पाती। कई घपले और घोटालों के मामले हमारे सामने है। अनुसूचित जाति, जनजाति मामलों की समिति है उसने स्पष्ट कहा है कि आउटसोर्स कर्मचारी में आरक्षण नहीं दिया। अब यह रोस्टर वाली समस्या संविदा में भी आएगी। फिर मामला कोर्ट तक चला जाएगा। कुल मिलाकर सरकार ऐसे नियम जानबूझकर बनाती है जिसमें मामले उलझ जाए और कोर्ट तक चले जाए। सरकार फिर कहने वाली होगी कि मामला तो न्यायालय के विचाराधीन है। वहां से फैसला होगा। तब हम आगे कार्रवाई करेंगे। यह एक सुनियोजित साजिश है। षड्यंत्र कर्मचारियों के मामलों को नहीं मानने का, उनकी मांगों को लंबित रखने का और कोर्ट के पीछे जाकर छुप जाने का है।’
बीजेपी बोली- दिक्कत होगी तो विचार किया जाएगा
वहीं बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सरकार नियमित कर्मचारी, संविदा कर्मियों, अतिथि शिक्षक, अतिथि विद्वान सभी की चिंता करती है। सभी के हित में निर्णय लेती है। सरकार द्वारा जिस तरह से लगातार भर्ती प्रक्रिया चालू की गई है उसमें संविदा कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखते हुए उनके लिए विशेष तरीके के प्रावधान किए गए हैं। जिससे संविदा कर्मी कम अंकों के बाद भी नियमित सेवा में शामिल हो जाएंगे और यह प्रक्रिया लगातार चलती रहेगी। भविष्य में भी इस प्रक्रिया के तहत लगातार नए-नए पदों पर भर्ती प्रक्रिया होनी है। हम उम्मीद करते हैं कि सभी संविदा कर्मियों को भविष्य में नियमित सेवा मिल जाएगी। उसके बाद भी अगर कहीं कोई दिक्कत होगी तो सरकार सहानुभूति पूर्वक उनके ऊपर विचार करेगी। भारतीय जनता पार्टी सरकार सदैव संविदा कर्मियों और ऐसे कर्मचारियों के साथ खड़ी है।
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