नई दिल्ली. किसी गली में या सड़कों पर घूमते आवारा कुत्ते देखकर आप भी उन्हें दुत्कार देते होंगे या भगा देते होंगे. कुछ एक लोग ऐसे भी होते हैं जो उन्हें कुछ खिला देते हों लेकिन जिस महिला की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं, उन्होंने आवारा कुत्तों की देखभाल के लिए बैंक से लोन ले लिया. बात केवल लोने लेने तक ही सीमित नहीं है, महिला ने कुत्तों का ध्यान रखने के लिए अपनी ज्वैलरी तक बेच दी.
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के बी-11 इलाके में रहने वालीं 45 साल की नीलांजना बिस्वास इन दिनों काफी सुर्खियां बटोर रही हैं. वजह है कुत्तों के प्रति उनका प्रेम, वह अपने आसपास के 400 के करीब कुत्तों की देखभाल करने, उनके टीकाकरण और खाने का प्रबंध करने के लिए हर महीने लगभग 40,000 रुपये खर्च करती हैं. इसके लिए उन्होंने बैंक से 3 लाख रुपये का लोन ले लिया. इसके अलावा उन्होंने 2 लाख रुपये की अपनी ज्वैलरी भी बेच दी.
कुत्तों के लिए इस अच्छे काम को वह अकेले कर रही हैं. वह ऐसे कुत्तों की देखभाल करती हैं जो सड़कों पर या गलियों में आवारा घूमते हैं. इस काम में उनकी मदद कोई नहीं कर रहा है.
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वह बताती हैं कि उनके पड़ोसी लगातार उनका मनोबल गिराते रहते हैं. उनके पति भाबोतोष बिस्वास एक उद्योगपति हैं और वह भी उनकी कोई खास मदद नहीं कर रहे हैं. देखा जाए तो 5वीं में पढ़ने वाले उनके बेटे आशुतोष बिस्वास और उनकी कॉलेज जाने वाली बेटी को छोड़कर हर कोई उनके इस काम की उपेक्षा करते हैं.
न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने साल 2014 में कुछ कुत्तों की देखभाल के साथ यह काम शुरू किया था और आज वह 400 से अधिक कुत्तों का पूरा ध्यान रखती हैं. उन्होंने अपनी मदद के लिए सैलरी पर तीन हेल्पर रखे हैं जिसके लिए वे हर महीने 10,000 रुपये का भुगतान करती हैं. ये हेल्पर कुत्तों के लिए चावल, चिकन बनाते हैं और ई-रिक्शा में ले जाकर आसपास के इलाके के कुत्तों को खिलाते हैं. इनके अलावा कुत्तों को दवाई दिलाने और टीकाकरण के लिए उन्होंने एक वेटनरी (जानवरों का डॉक्टर) को भी रखा है.